
Rajasthan News: राजस्थान की राजधानी जयपुर में साइबर पुलिस ने एक बड़े अंतरराष्ट्रीय साइबर ठगी गिरोह का पर्दाफाश कर दिया है. जिसमें सामने आया है कि नेपाल और चीन से जुड़े इस गिरोह ने देशभर में 24.3 करोड़ रुपये की ठगी को अंजाम दिया.
पुलिस ने चार ठगों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से 12 मोबाइल फोन, एक लैपटॉप और तीन बैंक चेकबुक बरामद किए. यह गिरोह टेलीग्राम के जरिए चीनी अपराधियों के साथ मिलकर काम करता था और लोगों को ऑनलाइन ट्रेडिंग और गेमिंग के नाम पर चूना लगाता था.
गिरोह का मास्टरमाइंड और उसकी चाल
गिरोह का सरगना लाल दोर्जे तामांग नेपाल का रहने वाला है. वह चीनी साइबर अपराधियों को 2.5 से 8 प्रतिशत कमीशन पर बैंक खाते मुहैया करवाता था. लाल दोर्जे खाताधारकों के मोबाइल में एक खतरनाक स्पाई ऐप इंस्टॉल करवाता, जिससे चीनी गैंग को फोन का पूरा नियंत्रण मिल जाता. कमीशन की रकम उसे डिजिटल करेंसी यूएसडीटी में मिलती थी. पूछताछ में उसने 40-50 लाख रुपये कमाने की बात कबूल की.
कैसे काम करता था ठगी का जाल
लाल दोर्जे अपने साथी सुजल तामांग के साथ मिलकर खाताधारकों को जयपुर के होटल संजय पैलेस में ठहराता और उनके फोन में स्पाई ऐप डलवाता. पवन जैन और अबु शहमा दिल्ली के रहने वाले हैं, जो दुबई में रहने वाली सुषमा नाम की महिला के इशारे पर काम करते थे. ये लोग लालच देकर खाताधारकों से बैंक खाते, सिम और ईमेल हासिल करते. इस गैंग ने आंध्रप्रदेश, उत्तरप्रदेश, केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु और तेलंगाना में दर्जनों लोगों को ठगा.
पुलिस की सख्त कार्रवाई
एसीपी साइबर सोन चंद ने बताया कि पुलिस को सूचना मिली थी कि जयपुर में एक बड़ा साइबर ठगी गिरोह सक्रिय है. इसके बाद साइबर थाना पुलिस ने छापेमारी कर चारों आरोपियों को धर दबोचा. पुलिस अब इस गिरोह के अन्य सदस्यों और चीनी गैंग से जुड़े लोगों की तलाश में जुट गई है. यह कार्रवाई साइबर अपराध के खिलाफ बड़ी सफलता मानी जा रही है.
जनता के लिए सलाह
पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे ऑनलाइन ट्रेडिंग या गेमिंग के लालच में न आएं. किसी अनजान व्यक्ति को अपने बैंक खाते या निजी जानकारी न दें. साइबर ठगी से बचने के लिए हमेशा सतर्क रहें.
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