![Jaisalmer Desert Festival: आखिरी दिन 'पूर्णिमा की ध्वल चांदनी में लखमणा के धोरों पर दिए जल उठते हैं, मैनु रंग चढ़ियां...' पर झूमे श्रोता Jaisalmer Desert Festival: आखिरी दिन 'पूर्णिमा की ध्वल चांदनी में लखमणा के धोरों पर दिए जल उठते हैं, मैनु रंग चढ़ियां...' पर झूमे श्रोता](https://c.ndtvimg.com/2024-02/psq7k7fo_as_625x300_25_February_24.jpg?downsize=773:435)
Jaisalmer Desert Festival: इंटरनेशनल डेजर्ट फेस्टिवल का समापन लखमणा के मख्मली धोरों पर संस्कृतिक संध्या के साथ हुआ. अंतिम दिन लखमणा के धोरों पर विभिन्न प्रतियोगिताएं हुईं. सांस्कृतिक संध्या में स्थानीय कलाकारों ने समा बांधे रखा. मशहूर कलाकार तगाराम भील व उनकी टीम ने मिट्टी की महक व अपने स्वरो का कोम्बिनेशन ऐसा किया की हर कोई मंत्र मुग्ध हो गया.
कार्यक्रम में प्रसिद्ध कालबेलिया कलाकार गुलाबो व उनकी डांस टीम की नृत्यिकाओं ने विशेष प्रस्तुतियां दी.कालबेलिया नृत्य देखकर विदेशी सैलानी उनकी इस कला के कायल हो गए और खड़े होकर तालिया बजाने लगे. इसके बाद कार्यक्रम में आईकॉन ऑफ जैसलमेर के तहत लक्ष्मीनारायण खत्री, पार्थ जगानी और चतरसिंह को सम्मानित किया गया.
हर्षदीप कौर ने जुगनी, मैनु रंग चढ़ियां, दिलबरो, दिए जल उठते है, कबीरा और पधारो म्हारे देश की प्रस्तुति दी, तो पंडाल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा.धोरों पर देर रात तक सुरों की सरिता ने श्रोताओं को मंत्र मुग्ध कर दिया. लखमणा के धोरों पर पूर्णिमा की धवल चांदनी में सांस्कृतिक संध्या के साथ इंटरनेशनल डेजर्ट फेस्टिवल का समापन हुआ.
कैमल रेस में लीलूसिंह प्रथम, विक्रमसिंह द्वितीय और देरावरसिंह तीसरे स्थान पर रहे.कैमल डेकोरेशन प्रतियोगिता में छैलूसिंह प्रथम, खेतूसिंह द्वितीय तथा स्वरूपसिंह तृतीय रहे. इस दौरान जिला कलेक्टर प्रताप सिंह,पुलिस अधीक्षक सुधीर चौधरी,अतिरिक्त जिला कलेक्टर परसाराम,मुख्य कार्यकारी अधिकारी भागीरथ बिश्नोई सहित अन्य अधिकारी अतिथि एवं आमजन उपस्थित थे.कार्यक्रम का संचालन किशोर राजपुरोहित,नेमीचंद,विजय बल्लानी एवं प्रीति भाटिया ने किया.
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