Sonar Fort: जैसलमेर में पर्यटन का आकर्षण और विश्व विख्यात सोनार दुर्ग की सूरत अब बदल जाएगी. जिला प्रशासन और नगर परिषद ने विश्व विख्यात दुर्ग और उसके आसपास के क्षेत्र का ब्यूटीफिकेशन प्लान तैयार कर लिया है. 'प्रोजेक्ट सोनार' के तहत 50 करोड़ की लागत से दो साल में स्वर्णनगरी (Golden City) का नया लुक दिया जाएगा. इस विषय पर जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में सोनार फोर्ट के बाशिंदो के साथ मीटिंग करके सुझाव भी लिए गए हैं. पहले चरण में सोनार दुर्ग व उसके आसपास के इलाके का सौंदर्याकरण किया जाएगा. इसके बाद गड़ीसर और अन्य क्षेत्रों में सौंदर्यीकरण के काम होंगे. दरअसल, जैसलमेर की 70-80 प्रतिशत जनता केवल पर्यटन पर आश्रित है. यहां आने वाले पर्यटकों की संख्या 10 से 12 लाख सालाना है.
सीवरेज के लिए तैयार हो रहा है स्पेशल प्लान
वर्तमान में दुर्ग की सबसे बड़ी समस्या पानी रिसाव की है. सीवरेज के लिए जितने भी प्रयास किए गए, सभी विफल रहे हैं. ऐसे में अब आईआईटी जोधपुर या फिर एमएनआईटी जयपुर के होनहार सीवरेज सिस्टम सुधारने पर काम करेंगे. नगर परिषद आयुक्त लजपाल सिंह सोढा ने बताया कि सोनार प्रोजेक्ट जैसलमेर की जरूरत है और यह स्वर्णनगरी का रूप और ज्यादा निखार देगा.
सीजन के दौरान रहती है भीड़, अनहोनी की भी आशंका
वही, काफी समय से जैसलमेर दुर्ग के लिए वैकल्पिक रास्ते की जरूरत महसूस की जा रही है.सीजन के दौरान इतनी भीड़ रहती है कि यहां कदम रखने तक की जगह नहीं बचती है. इसके अलावा किसी अप्रिय घटना के दौरान भी मुसीबत खड़ी हो सकती है.
फोर्ट में व्हीकल फ्री वैकल्पिक रास्ता होगा तैयार
प्रोजेक्ट का मकसद है कि यहां आने वाले सैलानियों को किसी की तरह परेशानी ना झेलनी पड़े, जिसके लिए डीपीआर भी तैयार हो गई है. सोनार दुर्ग में व्हीकल फ्री वैकल्पिक रास्ता, रिंग रोड और पार्किंग को हटाकर शिफ्ट करके वहां येलो स्टोन पाथ बनाया जाएगा. फोर्ट में सीवरेज सिस्टम तैयार करने के अलावा गोपा चौक से सब्जी मंडी, फ़्रूट मंडी, चबूतरे, पुलिस चौकी, फोर्ट पार्किंग सिफ्टिंग और हनुमान सर्किल तक सौंदर्यीकरण का काम बड़े स्तर पर किया जाना प्रस्तावित है.
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