Fake Experience Certificate: राजस्थान में जहां नगर निकायों में होने वाली सफाई कर्मियों की भर्तियों मैं अनुभव प्रमाण पत्र जारी नहीं किए जाने को लेकर हल्ला मचा हुआ है. वहीं झालावाड़ जिले की भवानी मंडी नगर पालिका में एक अलग ही तरह का खेल हो गया है. यहां नगर पालिका में कार्यरत प्लेसमेंट एजेंसियों के माध्यम से फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र बेचे जा रहे हैं. भ्रष्टाचार इतना चरम पर है कि भवानीमंडी नगर पालिका के कर्मचारी और प्लेसमेंट एजेंसी से मिलकर सफाईकर्मियों के फर्जी प्रमाण पत्र जारी कर रहे हैं.
भवानीमंडी नगर पालिका ने प्लेसमेंट एजेंसियों से 60 सफाईकर्मी लगाए हैं, जबकि ये ऐजेसियां 163 लोगों को प्रमाणपत्र जारी कर चुकी है. इनमें से अधिकांश लोगों ने नगर परिषद में कभी कोई काम नहीं किया है.
ऐसे बांटा गया फर्जी प्रमाणपत्र
भवानीमंडी नगर पालिका में डेढ़ सौ से अधिक स्थाई सफाईकर्मी होने बावजूद प्लेसमेंट एजेंसियों के माध्यम से 60 सफाईकर्मी लगाए गए हैं. ये प्लेसमेंट एजेंसियां इसी वित्तीय वर्ष में 163 सफाईकर्मी अनुभव प्रमाण पत्र जारी कर चुकी है. इन प्रमाण पत्रों पर प्लेसमेंट एजेंसी मालिक के अलावा नगर पालिका के सफाई निरीक्षक ओर अधिशासी अधिकारी के हस्ताक्षरों के साथ मोहर भी लगी है, जिन लोगों को प्रमाण पत्र जारी किए गए हैं.
इनमें से कुछ को छोड़कर बाकी ने नगर पालिका में कभी सफाईकर्मी का काम किया ही नहीं है. इनमें से कई लोग दूसरे जिलों के भी हैं और कई दूसरी जगह पर नौकरी कर रहे हैं. लेकिन प्लेसमेंट एजेंसियों और नगर पालिका के कर्मचारियों ने मिलकर इनको एक साल तक नगर पालिका में सफा्ईकर्मी के रूप में कार्य करने का प्रमाण पत्र जारी कर दिया.
बिना कुछ देखे-जांचे जारी किए गए प्रमाण पत्र
भवानीमंडी नगर पालिका के इस गिरोह ने ऐसे लोगों को सफाईकर्मी के अनुभव प्रमाणपत्र बांटे, जिनका नगर पालिका और सफाई से कोई वास्ता ही नहीं रहा. ऐसे लोगों में नाई, मिस्त्री, ऑटो चालक, इवेंटकर्मी तथा ठेला चालक भी शामिल है. इसके अलावा ऐसे भी कुछ लोग अनुभव प्रमाण पत्र पाने वालों में शामिल है, जो इंदिरा रसोई सहित अन्य विभागों में प्लेसमेंट ऐजेंसिंयों के जरिए कंप्यूटर ऑपरेटर या अन्य काम कर रहे हैं. ऐसे लोग वहां से मानदेय भी उठा रहे हैं. कई युवतियां जो वर्ष 2023-24 के पहले से ही शादी के बाद अपने ससुराल में रह रही है, उन्हें भी अनुभव प्रमाण पत्र दे दिए गए.
भाई भतीजावाद चरम पर
फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र पाने वाले लोगों में से अधिकांश भवानी मंडी नगर पालिका के कर्मचारियों के भाई-भतीजे और रिश्तेदार शामिल हैं. फर्जी प्रमाण पत्र लेने वालों में स्वयं पालिकाध्यक्ष के चालक का बेटा, एक लिपिक और एक अन्य कर्मचारी का पुत्र भी शामिल है. कुछ पार्षदों के भाई-भतीजे या अन्य रिश्तेदार सहित प्लेसमेंट एजेंसी संचालकों के रिश्तेदार भी शामिल हैं. फर्जीवाड़े का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि एक व्यक्ति के तो दो-दो प्रमाण पत्र जारी कर दिए गए.
दिसम्बर में होनी है भर्ती
स्वायत्त शासन विभाग की ओर से सभी स्थानीय निकायों में आवश्यकता के अनुसार दिसम्बर माह में भर्ती की जाएगी, जिसमें सफाईकर्मी के रूप में कार्य करने का एक वर्ष का अनुभव मांगा गया है. जिसके चलते स्थानीय निकायों और प्लेसमेंट एजेंसियों में कार्यरत लोग अनुभव प्रमाण पत्र ले रहे है. लेकिन इसके आड में मोटी रकम का लेनदेन कर फर्जी प्रमाण पत्र बनाने का गौरखधंधा भी जोरों पर चल रहा है.
नगर पालिक अध्यक्ष इस बात से अनजान
भवानी मंडी नगर पालिका के अध्यक्ष कैलाश बोहरा ने पहले तो पूरे मामले से अनभिग्यता जाहिर की, उसके बाद उन्होंने कहा कि यदि ऐसा कोई मामला हुआ है तो उसकी जांच करवा कर निष्पक्ष कार्यवाही की जाएगी.
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