
Organ Transplant News: झालावाड़ के विष्णु ने मानवता की नई मिसाल कायम की है. विष्णु प्रसाद ने अपने अंगदान कर 8 लोगों को नई जिंदगी दी है. इसके साथ ही राजस्थान में झालावाड़ दूसरा और 13वां ब्रेन डेड अंगदान सफलतापूर्वक संपन्न हुआ. इस अंगदान के लिए राजस्थान सरकार ने पहली बार हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल करने का निर्णय लिया है. ताकी सही समय पर ऑर्गन ट्रांसप्लांट हो सके. हेलीकॉप्टर से पहले जयपुर और फिर जोधपुर में ऑर्गन ट्रांसप्लांट किए जाएंगे.
कैसे गई थी विष्णु प्रसाद की जान
विष्णु प्रसाद झालावाड़ शहर के पास पीपा धाम, मानपुरा के रहने वाले थे. मारपीट में घायल होने के बाद उन्हें एसआरजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. लेकिन वहां उनकी हालत लगातार बिगड़ने लगी. उन्हें बचाने के लिए कई ऑपरेशन भी किए गए लेकिन वे ब्रेन डेड की स्थिति में पहुंच गए थे.
झगड़े के बाद हो गई थी हालत खराब
विष्णु प्रसाद को 11 दिसंबर को झालावाड़ अस्पताल के आपातकालीन वार्ड में भर्ती कराया गया था जहां वह बेहोश थे. उनका सीटी स्कैन करने से पता चला था कि उनके सिर में गहरी चोटें आई हैं. विष्णु की जान बचाने के लिए डॉक्टरों ने उनकी सर्जरी की लेकिन 12 दिसंबर को सर्जरी के बाद जब मरीज की जांच की गई तो पता चला कि वह ब्रेन डेड अवस्था की हालत में जा रहा था. इसकी जानकारी अंगदान के नोडल अधिकारी को दी गई और उन्हें सारी परिस्थितियों से अवगत कराया गया. जिसके बाद यह निर्णय लिया गया कि विष्णु को तब तक जीवित रखा जाएगा जब तक कि अंगदान के लिए परिवार की सहमति नहीं मिल जाती और सफलतापूर्वक प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती.
परिवार को मनाने में डॉक्टर रहे कामयाब
इसके बाद डॉक्टरों की टीम ने विष्णु प्रसाद की जांच की और उन्हें ब्रेन डेड घोषित कर दिया. उसके बाद अधिकारियों ने उनके परिजनों से अंगदान की बात की, जिसमें वे सफल रहे. इस प्रयास में डॉ. रामसेवक योगी के अलावा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी साजिद खान और प्रशासन के अन्य अधिकारी शामिल थे.
8 लोगों के मिली नई जिंदगी
अंगदान की सहमति मिल जाने के बाद मेडिकल कॉलेज की अंगदान ऑप्टीमाइजेशन टीम द्वारा 13 और 14 तारीख की रात को विष्णु प्रसाद का पहला और दूसरा एपनिया टेस्ट किया. उसके बाद 14 दिसंबर को बल्ड सैंपल लेकर डॉक्टर जयपुर पहुंचे जहां रक्त का एच एल ए क्रॉस मैच टेस्ट करवाया गया, तथा एसएमएस हॉस्पिटल से संपर्क कर अंगों का बंटवारा किया. साथ ही इन्हें ले जाने के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाने की व्यवस्था भी की गई. जिसके अंतर्गत झालावाड़ के श्रीजी में स्टेडियम से एयर एंबुलेंस की सहायता से अंगों को पहले जयपुर और वहां से जोधपुर ले जाया गया जहां ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया संपन्न करवाई जाएगी.
पेश की इंसानियत की मिसाल
14 दिसंबर की रात को एसएमएस अस्पताल जयपुर और एम्स अस्पताल जोधपुर की टीमें झालावाड़ के मेडिकल कॉलेज पहुंची जिन्होंने 15 दिसंबर की सुबह 6 बजे सफलतापूर्वक अंगदान की प्रक्रिया पूरी की. इसके साथ ही मरीज की एक किडनी और लिवर जोधपुर एम्स को दे दिया गया है, जबकि एक किडनी, दिल और दोनों फेफड़े एसएमएस अस्पताल जयपुर को भेजे गए हैं. मृतक विष्णु प्रसाद की आंखों के दो कॉर्निया शाइन इंडिया फाउंडेशन को मिले हैं. इस तरह विष्णु प्रसाद के अंगों से कुल 8 लोगों को नई जिंदगी मिल सकेगी.
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