Rajasthnan News: राजस्थान के जोधपुर स्थित अनुसंधान संस्थान 'काजरी' (केंद्रीय शुष्क क्षेत्र अनुसंधान संस्थान) ने किसानों और युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं. काजरी द्वारा विकसित वैज्ञानिक तकनीकों और प्रशिक्षण से न केवल किसान, बल्कि युवा भी कृषि क्षेत्र में नवाचार कर रहे हैं. कई युवा सरकारी नौकरियां और निजी क्षेत्र की प्रतिष्ठित कंपनियों में नौकरी छोड़कर हाईटेक खेती से जुड़ रहे हैं और अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं.
सरकारी नौकरी छोड़ हाईटेक खेती की ओर रुख
महेंद्र चौधरी जो पहले एक सरकारी बैंक में अधिकारी थे, उन्होंने अपनी नौकरी छोड़कर काजरी का प्रशिक्षण लिया. उन्होंने नेट हाउस और पॉलीहाउस तकनीक अपनाई और कम पानी व फर्टिलाइजर के साथ अधिक उत्पादन प्राप्त किया. महेंद्र ने बताया, एक एकड़ क्षेत्र में नेट हाउस लगाकर 40-50 टन फसल उत्पादन कर रहा हूं, जिससे 12 लाख रुपये की आय होती है. इसमें 3-4 लाख रुपये का खर्च और करीब 7 लाख रुपये का मुनाफा होता है.
इंजीनियरिंग से खेती की ओर कदम
इंजीनियरिंग ग्रेजुएट विक्रम निम्बावत ने आईटी सेक्टर में साल ों तक काम करने के बाद हाईटेक खेती का रास्ता चुना. उन्होंने काजरी से प्रशिक्षण लिया और अब नेट हाउस में खीरे की खेती कर रहे हैं. विक्रम ने कहा कि हमने कम निवेश में उच्च गुणवत्ता की फसलें तैयार की हैं. बाजार में इन फलों के अच्छे दाम मिलते हैं.
काजरी का योगदान
काजरी डिजिटल युग में किसानों को नवीनतम वैज्ञानिक तकनीकों से प्रशिक्षित कर रहा है. संस्थान के वैज्ञानिक फील्ड में जाकर किसानों को फसल की गुणवत्ता और कीट नियंत्रण की जानकारी देते हैं. काजरी के वैज्ञानिक डॉ. प्रदीप ने बताया कि हमारी तकनीक और प्रशिक्षण से युवा पीढ़ी कृषि क्षेत्र में नवाचार कर रही है. नेट हाउस और पॉलीहाउस तकनीक पश्चिमी राजस्थान में कारगर साबित हो रही है.
भविष्य की योजनाएं
साल 2025 के लिए काजरी का विजन है कि किसानों और युवाओं को और अधिक वैज्ञानिक तकनीकों का प्रशिक्षण देकर उनकी क्षमताओं को बढ़ाया जाए. सफल किसानों और प्रशिक्षित युवाओं के बीच सामंजस्य बनाकर कृषि क्षेत्र में विकास का नया अध्याय लिखा जाएगा.
नवाचारों से बढ़ रहा आत्मनिर्भरता का ग्राफ
काजरी के प्रयासों से पश्चिमी राजस्थान में नेट हाउस और पॉलीहाउस खेती का विस्तार हो रहा है. युवा पीढ़ी का कृषि की ओर बढ़ता रुझान आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार कर रहा है. काजरी का यह मॉडल न केवल कृषि क्षेत्र को उन्नत कर रहा है, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती प्रदान कर रहा है.
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