Jodhpur Nagar Nigam BUdget: जोधपुर के नगर निगम उत्तर का 727. 90 करोड़ का बजट शनिवार को पास हुआ. यहां कांग्रेस का बोर्ड है. वहीं बीजेपी के पार्षद जय श्री राम के नारे लगाते हुए पहुंचे. वहीं इस बजट बैठक के दौरान भी बीजेपी के दोनों विधायक मौजूद थे. 2 दिन पहले दक्षिण नगर निगम में अपने ही बोर्ड को घेरने वाले विधायकों ने महापौर कुंती देवड़ा पर तंज कसा. विधायक अतुल भंसाली ने गधों को टेंडर देने की बात कही तो वही दूसरे विधायक देवेंद्र जोशी ने मेयर की तुलना झांसी की रानी से कर दी.
विधायक ने कही गधों के लिए टेंडर निकालने की बात
विधायक अतुल भंसाली ने अपने भाषण के दौरान शहर के भीतरी इलाकों में जहां वाहन नहीं जा सकते, वहां पर गधों से कचरा उठावाने की बात की बात महापौर से की, उन्होंने कहा कि शहर में सफाई व्यवस्था के लिए गधों का टेंडर निकालना चाहिए. वहीं भाजपा के पार्षद और शहर विधायक अतुल भंसाली ने अधिकारियों की कार्य प्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह अधिकारी ठेकेदारों के बचाव में लगे रहते हैं. वहीं बजट बनाने के दौरान आर यू डी आई पी प्रोजेक्ट का बजट निगम के बजट में ऐड नहीं करने की उन्होंने सलाह दी. उन्होंने कहा कि आंकड़े बड़े दिखाने से क्या होगा. जो निगम की आय है, उसी के अनुसार बजट पेश होना चाहिए.
देवेंद्र जोशी ने बताया झांसी की रानी
सूरसागर विधायक देवेंद्र जोशी ने कहा कि महापौर को विपक्ष की जरूरत नहीं उनके पार्षदों ने ही विपक्ष की भूमिका निभा दी है. जोशी ने महापौर से कहा कि आप अपने पार्षदों के साथ मीटिंग कर लिया करें, ताकि सभी पार्षद आपको अपनी समस्या बता दें. बजट बैठक के दौरान जब कांग्रेस के पार्षदों ने महापौर कुंती देवड़ा से अपने वार्ड की समस्या गिनाने लगे, तभी सूरसागर विधायक देवेंद्र जोशी ने महापौर पर तंज कसते हुए कहा कि आप झांसी की रानी है आपको विपक्ष की जरूरत ही नहीं.
पार्षदों ने अपने इलाकों की समस्या बताई
वहीं कांग्रेस के बोर्ड की बजट बैठक में कांग्रेस के पार्षदों ने अपने-अपने इलाकों की समस्याओं को लेकर गिनाना शुरू किया. एक बार तो ऐसा लगा कि बजट बैठक की जगह यह कोई आम बैठक है. वहीं भाजपा के विधायक ने भी महापौर को तुष्टिकरण की राजनीति के आरोप लगाए. पार्षदों ने सीवरेज के ढक्कन, वार्डों में बहता पानी, टूटी सड़कें आदि की समस्या को लेकर सवाल खड़े किये.
अतिक्रमण पर उठाए सवाल
जोधपुर शहर में अतिक्रमण की बाढ़ को लेकर भी विधायकों और पार्षदों ने अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किये. जिस पर महापौर ने उपायुक्त को जबाब देने को कहा इस उपायुक्त ने बताया कि अतिक्रमण करने वाले भवन मालिकों को नोटिस भी दिये जा रहे है और सीज की कार्यवाही भी की जा रही है.
पट्टा जारी करने को लेकर सवाल
वहीं भूखंडों के पट्टे वितरण को रोकने पर दोनों ही पक्षों के पार्षदों ने नाराजगी जताई. इस पर महापौर ने आयुक्त से पट्टे नहीं देने का कारण पूछा. इस पर आयुक्त ने बताया कि राज्य सरकार से अभी कोई गाइडलाइन नहीं आई है और पट्टो की स्टेशनरी को नहीं बदला गया है. इस पर महापौर ने कहा कि सोमवार से पट्टा वितरण जारी किया जाए, ताकि लोगों को राहत मिल सके.
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