जोधपुर की महारानी हेमलता राजे के नेतृत्व में एक सितंबर से पदयात्रा निकाली जाएगी. पदयात्रा की सफलता के लिए शुक्रवार सुबह रातानाडा स्थित गणेश मंदिर में पूजा-अर्चना की गई और ध्वज पूजन किया गया. सैनाचार्य अचलानन्द गिरि जी महाराज की मौजूदगी में शुक्रवार को यह पूजा संपन्न हुई. महारानी हेमलता राजे और सैनाचार्य स्वामी अचलानंद गिरी महाराज के निर्देश पर पूजा-अर्चना करती नजर आईं. पूजन के बाद ध्वज को राइका बाग स्थित जुगल जोड़ी बाबा रामदेव मंदिर में स्थापित किया गया. 1 सितंबर से शुरू होने वाली पदयात्रा में सैकड़ों की संख्या में महिला-पुरूष शामिल होंगे. एक सितंबर को जोधपुर से निकलकर 9 सितंबर को यह पदयात्रा रामदेवरा पहुंचेगी. जहां 9 सिंतबर को बाबा रामदेव जी के मंदिर में महाआरती और पूजा-अर्चना की जाएगी.
सद्भाव और खुशहाली पदयात्रा का उद्देश्य
इस मौके पर महारानी हेमलता राजे ने कहा कि जोधपुर से रामदेवरा तक की उनकी पदयात्रा का उद्देश्य देश और मारवाड़ में सद्भाव और खुशहाली की कामना है. उन्होंने कहा कि लोक देवता बाबा रामदेव कहते थे कि हर जाति, हर समाज के व्यक्ति उनके यहां आए. उन्होंने इस अवसर पर महाराजा स्व. उम्मेद सिंह, महाराजा स्व. हनवन्त सिंह जी और महाराजा गज सिंह जी के संदेश की भी जानकारी दी. उन्होंने कहा कि सभी धर्म के लोगों में आपसी भाईचारा और अमन-चैन बना रहना चाहिए.
बाबा रामदेव जी ने सभी का कल्याण किया
इस मौके पर सैनाचार्य अचलानंद गिरी महाराज ने कहा कि लोक देवता बाबा रामदेव ने सभी का कल्याण किया. सालों भर लाखों श्रद्धालु रामदेवरा उनको धोक देने जाते हैं. सभी जाति व धर्म के लोग उनकी पूजा-अर्चना करते हैं. उन्होंने कहा कि यह पदयात्रा महारानी हेमलता राजे के नेतृत्व में होगी. पदयात्रा का उद्देश्य वासुधैव कुटुंबकम , पर्यावरण संरक्षण व नशा मुक्ति एवं नारी शक्ति को सशक्त बनाना है.
पदयात्रा को लेकर जोधपुर में उत्साह
राज परिवार द्वारा मांगी गई मन्नत पूरी होने के उपलक्ष्य में भी राज परिवार द्वारा रामदेवरा स्थित बाबा रामदेव मंदिर में ध्वजा चढ़ाई जा रही है. इस अवसर पर रघुवीर सिंह भदावत, मदन से , विष्णु चंद प्रजापत, नरेंद्र पंवार, श्याम बाबू व दीपक बागड़ी सहित अनेक श्रद्धालु उपस्थित थे. इस पदयात्रा को लेकर जोधपुर में उत्साह का माहौल है.