
Rajasthan News: करौली जिले के मासलपुर थाना से 14 महीने पहले गुम हुई नाबालिग को भरतपुर मानव तस्करी विरोधी यूनिट की टीम वापस लाने में सफलता प्राप्त की. नाबालिग बच्ची करीब सालभर बाद अपने मां-बाप से एक बार फिर मिल सकी. भरतपुर मानव तस्करी विरोधी यूनिट टीम ने 21 मार्च को सौंप दिया. हालांकि बच्ची 29 फरवरी 2024 से ही भरतपुर पुलिस के संरक्षण में थी. बच्ची ने पुलिस को 19 मार्च 2025 को उसने बालिका गृह में अपने गांव के आस पास का पता बताया.
राजकीय बालिक गृह में दाखिल थी बच्ची
हेड कांस्टेबल पूरन सिंह ने बताया कि मानव तस्करी विरोधी यूनिट को सूचना मिली कि एक नाबालिग जिसकी उम्र 10 से 11 साल है, जो कुछ बताने में असमर्थ है वह लुलहरा गांव के सड़क किनारे बैठी हुई थी. पुलिस को यह पता नहीं चल पा रहा था कि वह कहां की है और यहां कैसे पहुंची.
नाबालिग को लखनपुर थाना और मानव तस्करी विरोधी यूनिट द्वारा चाइल्ड लाइन भरतपुर को सौंप दिया गया. चाइल्ड लाइन को हिदायत दी कि इस नाबालिग की अग्रिम कार्यवाही के लिए बाल कल्याण समिति के सामने पेश कर राजकीय बालिका गृह में दाखिल करवाया जाए.
बच्ची को उसके घर पहुंचाने में जुटा प्रशासन
मानव तस्करी विरोधी यूनिट के हेड कांस्टेबल पूरन चंद और महिला कांस्टेबल ममता देवी ने जब बालिका से मिलने के लिए राजकीय बालिका गृह में गए तो बालिका ने दोनों से पूछा अंकल मेरे घर का पता लग गया क्या? हेड कांस्टेबल पूरन सिंह ने बालिका से बातचीत की, बालिका ने कहा कि मुझे गांव का नाम याद नहीं है लेकिन मेरा गांव हिंडौन के पास है.
बालिका की जानकारी करौली मानव तस्करी विरोधी यूनिट को भेजी गई. इन्होंने बालिका के बारे में पूरी जानकारी बालिका करौली जिले के मासलपुर थाने की 29 फरवरी 2024 गुमशुदा है. बालिका के परिजनों को जानकारी दी गई और बालिका के परिजनों के साथ भरतपुर पहुंचे. बाल कल्याण समिति में बालिका से मिलकर मां-बाप भावुक हो गए.
14 महीने पहले गायब हुई थी बच्ची
नाबालिग के पिता ने बताया कि बच्ची 14 माह पहले घर से गायब हो गई थी. मासलपुर थाने में गुमशुदा की रिपोर्ट दर्ज कराई. हमारे साथ पुलिस ने बच्ची को हर जगह तलाशा लेकिन कही नहीं मिली. भरतपुर मानव तस्करी विरोधी यूनिट टीम की वजह से हमारी बच्ची हम लोगों को दुबारा मिली है.
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