![Rajasthan Politics: किरोड़ी लाल को कारण बताओ नोटिस पर मंत्री खर्रा का बड़ा बयान, बोले- संतोषप्रद जवाब नहीं तो होगी कार्रवाई Rajasthan Politics: किरोड़ी लाल को कारण बताओ नोटिस पर मंत्री खर्रा का बड़ा बयान, बोले- संतोषप्रद जवाब नहीं तो होगी कार्रवाई](https://c.ndtvimg.com/2025-02/g57hmu2o_kirodi-lal-meena_625x300_11_February_25.jpg?im=FitAndFill,algorithm=dnn,width=773,height=435)
Rajasthan News: अपनी ही सरकार के खिलाफ मुखर होकर बोलने वाले किरोड़ी लाल मीणा को बीजेपी के नोटिस से राजस्थान की राजनीति गरमा गई है. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने सोमवार को कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा को फोन टैपिंग के आरोप को असत्य बताते हुए कारण बताओ नोटिस जारी किया है. डॉ. किरोड़ी को 3 दिन के अंदर नोटिस का जवाब देना है. अब किरोड़ी लाल को नोटिस दिए जाने पर राजस्थान सरकार में मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने कहा कि जवाब संतोषप्रद होगा तो कार्रवाई टली जाएगी, अगर जवाब संतोषप्रद नहीं होगा तो आगे की कार्रवाई शुरू हो जाएगी.
तीन दिन में देना होगा जवाब
दरअसल, मदन राठौड़ ने सोमवार को किरोड़ी लाल मीणा को कारण बताओ नोटिस देकर कहा था कि भाजपा सरकार पर आपने टेलीफोन टैप करने का आरोप लगाया जो असत्य है. आपने बयान देकर बीजेपी सरकार की प्रतिष्ठा को धूमिल करने का काम किया है. ऐसे में आपके बयान को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने पार्टी के संविधान के हिसाब से अनुशासनहीनता माना है. किरोड़ी लाल मीणा को कारण बताओ नोटिस का जवाब देने के लिए तीन दिन का समय दिया गया है.
व्यवस्था बनाए रखना आवश्यक- राठौड़
किरोड़ी लाल को दिए नोटिस पर नई दिल्ली में आज (11 फरवरी) मदन राठौड़ ने कहा कि भाजपा का संगठनात्मक ढ़ांचा बेहद सशक्त और अनुशासित है. संगठन को किसी मुद्दे पर ध्यान देने की आवश्यकता महसूस होती है तो पार्टी उसकी समीक्षा करके उचित कदम भी उठाती है. संगठन में समुचित व्यवस्था बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है जिससे संगठन एकजुट, अनुशासन और स्थिर रहने के साथ अपने उद्देश्यों की पूर्ति कर पाता है. यह मामला पूरी तरह से संगठन परिवार का आंतरिक मुद्दा है. इसे परिवार के भीतर ही सुलझाने की प्रक्रिया जारी है.
किरोड़ी लाल पर बोले मंत्री खर्रा
वहीं, पाली में स्वायत्त शासन मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने मंगलवार को सर्किट हाउस में किरोड़ी लाल को दिए गए कारण बताओ नोटिस पर कहा कि पार्टी में अनुशासन आवश्यक है, अगर पार्टी महसूस करती कि किसी ने अनुशासन तोड़ा है. नोटिस दिया है, जवाब देंगे. जवाब पर मंथन होगा, अगर जवाब संतोषप्रद होगा तो कार्रवाई टल जाएगी. अन्यथा आगे की कार्रवाई होगी. परिवार में मतभेद होते हैं, बैठेंगे और पूछेंगे तो समाधान भी निकलेगा.
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