Kirodi Lal Meena Resign: राजस्थान की भाजपा सरकार के कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा (Kirodi Lal Meena Resign) के इस्तीफे पर नई सियासी कहानी शुरू हो गई है. किरोड़ी लाल मीणा के इस्तीफे पर लेटर पॉलिटिक्स शुरू हो गई है. दौसा लोकसभा सीट के भाजपा प्रत्याशी कन्हैयालाल मीणा ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को पत्र लिखकर किरोड़ी लाल मीणा का इस्तीफा स्वीकार नहीं करने का आग्रह किया है. मालूम हो कि लोकसभा चुनाव के दौरान पूर्वी राजस्थान में भाजपा के स्टार प्रचारक रहे किरोड़ी लाल मीणा ने दौसा सहित 7 लोकसभा की सीटें नहीं जीतने के मामले पर अपने खुद के मंत्री पद से इस्तीफा देने की बात कही थी. उन्होंने यह भी कहा था कि दौसा में यदि कन्हैयालाल की हार होती है तो मैं मंत्री पद छोड़ दूंगा.
किरोड़ी लाल मीणा के गिनाए 7 में 4 सीटों पर भाजपा हारी
4 जून को लोकसभा चुनाव के वोटों की गिनती में दौसा में भाजपा की हार हुई. इसके अलावा किरोड़ी लाल मीणा के गिनाए 7 सीटों में 3 और सीटों पर भाजपा हार गई. 7 में 4 सीटों पर भाजपा की हार के बाद किरोड़ी लाल मीणा के इस्तीफे की बात उठने लगी. जिसपर काफी दिनों तक गहमागहमी रही. लेकिन बाबा ने बुधवार को अपने इस्तीफे का औपचारिक ऐलान करते हुए बताया कि मैंने 5 जुलाई को ही मुख्यमंत्री को इस्तीफा भेज दिया था.
कन्हैयालाल मीणा ने सीएम को लिखा पत्र
दौसा से भाजपा के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ चुके कन्हैयालाल मीणा अब डॉक्टर किरोडी लाल मीणा के पक्ष में आ उतरे हैं. कन्हैयालाल मीणा ने आज एक पत्र राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नाम लिखकर उन्हें यह बताया है कि पूर्वी राजस्थान के बड़े नेता और भाजपा के स्टार प्रचारक डॉक्टर किरोडी लाल मीणा सहित भाजपा कार्यकर्ताओं ने लोकसभा चुनाव के दौरान प्रचार प्रसार में जी और जान से काम किया था. लेकिन भाजपा दौसा से लोकसभा सीट नहीं जीत पाई क्योंकि इस चुनाव में कांग्रेस ने संविधान खतरे में है और आरक्षण खत्म होने जैसा कुप्रचार कर मतदाताओं को भ्रमित किया था. जिसका परिणाम यह रहा कि भाजपा दौसा से लोकसभा सीट नहीं जीत पाई.
किरोड़ी लाल मीणा का मंत्री बना रहना जरूरीः कन्हैया लाल मीणा
कन्हैयालाल मीणा ने अपने पत्र में आगे यह भी जिक्र किया है कि डॉक्टर किरोड़ी लाल मीणा ने अपना इस्तीफा भावुकता और वचनबद्धता के चलते दिया है. डॉ. किरोडी लाल मीणा एक संघर्षशील व्यक्ति हैं. जिनका मंत्री पद जन भावनाओं को देखते हुए रहना जरूरी है. जिसके चलते भाजपा कार्यकर्ता और आमजन की तरफ से राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को कन्हैयालाल मीणा ने चिट्ठी लिखकर डॉक्टर किरोडी लाल मीणा का इस्तीफा अस्वीकार करने की बात लिखी है.
हालांकि किरोड़ी लाल मीणा दो बार 'रघुकुल रीत सदा चली आई, प्राण जाए पर वचन नहीं जाई'की उक्ति लिखकर अपनी मंशा स्पष्ट कर चुके हैं. अब देखना है कि कन्हैयालाल मीणा की चिट्ठी से किरोड़ी लाल मीणा के इस्तीफा मामले में क्या कुछ नया होता है.
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