
Kota Coaching City: राजस्थान का कोचिंग सिटी कोटा काफी समय से बदहाल दिख रहा है. कोटा में छात्रों से जुड़े कई मामले सामने आने के बाद कोटा कोचिंग सेंटर से बच्चों का जाना शुरू हो गया था. इससे न केवल कोचिंग सेंटर का काम ठप होने लगा था, बल्कि कोचिंग सेंटरों के बदौलत चलने वाले अन्य लोगों का कारोबार भी ठप हो चुका था. वहीं कोटा कोचिंग सेंटर को फिर से बहाल करने के लिए सरकार ने भी तत्परता दिखाई है. लिहाजा इसका असर अब कोटा कोचिंग सिटी में दिखने लगा है.
कोचिंग समेत हॉस्टल और मेस संचालकों के उम्मीदों को लगे पंख
देशभर में इंजीनियरिंग और मेडिकल की प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी की कोचिंग के लिए मशहूर कोटा को राजस्थान सरकार की ओर से कोचिंग के लिए लाए गए बिल में एक बड़ी राहत मिली है. राहत यह है कि 16 साल से कम उम्र के बच्चों के कोचिंग में दाखिले को लेकर बिल में कोई प्रावधान नहीं किया गया है. जिससे कोटा में हर साल देश के विभिन्न राज्यों से आने वाले स्टूडेंटस की तादाद पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा. यही वजह है कि साल 2025 का सेशन शुरू होने के साथ ही शुरुआती दिनों में ही कोटा में देश के विभिन्न राज्यों से अभिभावक अपने बच्चों का एडमिशन करवाने के लिए पहुंचने लगे हैं. जिससे कोटा में संचालित कोचिंग संस्थान और हजारों हॉस्टल्स, मेस समेत अन्य संसाधन जो सीधे कोचिंग स्टूडेंटस से जुड़े हैं. इनका संचालन करने वालों की उम्मीदों को पंख लग रहे हैं.
कोटा में मेडिकल और इंजीनियरिंग की प्रतियोगी की परीक्षा मैं शामिल होने से पूर्व बच्चों के फाउंडेशन को मजबूत करने के उद्देश्य से अभिभावक कोचिंग सेंटर में दाखिले के लिए पहुंच रहे हैं.
आपको बता दें कोटा में कोचिंग स्टूडेंट की संख्या में आई कमी के बाद कोटा में आर्थिक संकट जैसे हालात देखे जा रहे थे. इसी बीच राजस्थान सरकार भी कोचिंग संस्थानों पर नियंत्रण के लिए बिल भी लेकर के आई है. ऐसे में अब कोचिंग सिटी कोटा को सेशन के शुरुआत में ही जो रिस्पांस मिल रहा है. वह कोटा की उम्मीदों को पंख लगा रहा है.
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