Jhalawar Lineman Death: राजस्थान के झालावाड़ जिले में लाइनमैन की मौत मामले में बड़ी चूक सामने आई है. मिली जानकारी के अनुसार जिले के भवानी मंडी क्षेत्र में खेत पर डीपी का नया कनेक्शन करने के दौरान लाइनमैन की करंट की चपेट में आने से मौत हो गई. घटना के 6 घंटे बाद तक लाइनमैन का शव पोल पर लटका रहा, लेकिन विभागीय कर्मचारी मौके पर नहीं पहुंचे. जिसके चलते ग्रामीणों ने नाराजगी जताते हुए विभागीय अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. मामला झालावाड़ जिले के भवानीमंडी के ग्राम पंचायत आंवली कलां का है.
ठेके पर काम कर रहे लाइनमैन दरशथ बैरागी की मौत
घटना की जानकारी देते हुए सहायक अभियंता अनंत सिंह ने बताया कि सरकनिया निवासी लाइनमैन दशरथ बैरागी (29) मुख्य पोल चढ़ा हुआ था. राकेश शर्मा और मांगू सिंह मुख्य पोल से 150 फीट दूर स्थित दूसरे पोल पर लगी डीपी पर लाइन खींचने का कार्य कर रहे थे. मुख्य पोल पर सुरेंद्र सिंह और उसका साथी भारत सिंह, दशरथ बैरागी को डिस्क देने का कार्य कर रहे थे. इस दौरान किसी कर्मचारी ने ग्रिड से बिजली सप्लाई चालू कर दी. जिससे दशरथ सिंह 11 हजार केवी की लाइन की चपेट में आने से झुलस गया और वह बिजली पोल से ही चिपक गया. राकेश और मांगू सिंह को हल्का झटका लगने से दोनों पोल से नीचे गिर गए.
जीएसएस पर तैनात कर्मी की लापरवाही से गई जान
ठेकाकर्मी भारत सिंह ने बताया कि ईश्वर पुत्र रामलाल मेघवाल के खेत पर नया कनेक्शन जोड़ने का कार्य कर रहे थे. काम शुरू होने से पहले उन्होंने कुएं मालिक के लड़के ईश्वर को गुराडी जीएसएस पर बैठाया था और शटडाउन लेने के बाद शाम साढ़े 4 बजे कार्य शुरू किया था. इस दौरान 5 बजे जीएसएस पर कार्यरत कर्मी ने लापरवाही बरतते हुए अन्य फीडर के स्थान पर आंवली कलां गांव की लाइन चालू कर दी. जिससे दशरथ की करंट की चपेट में आने से मौत हो गई. घटना की सूचना विभाग को देने के बाद भी कोई भी कर्मचारी मौके पर नहीं पहुंचा. जिससे दशरथ का शव पोल पर 6 घंटे तक लटका रहा.
जेईएन को किया एपीओ
अक्षीक्षण अभियंता विनय कुमार अग्रवाल ने बताया कि फिलहाल कनिष्ठ अभियंता हितेश खिंची को एपीओ कर दिया गया है. लापरवाही से लाइन चालू करने वाले ठेकाकर्मीं को भी हटा दिया है. सीआई महेश मीणा ने कहा कि दशरथ बैरागी के परिजनों द्वारा मामला दर्ज करवाया गया है. पुलिस जांच कर रही है. जिसकी लापरवाही की वजह से संविदा करमी की जान गई है, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
तीन बच्चे हुए अनाथ
संविदाकर्मी दशरथ बैरागी 5 साल से कार्य कर रहा था. उसका परिवार खेती-बाडी का कार्य करता है. दशरथ बैरागी तीन भाइयों में सबसे छोटा भाई था. दोनों बड़े भाई भी पिता के साथ खेती में हाथ बंटाते हैं. दशरथ बैरागी की दो लड़कियां हैं, जिसमें सबसे बड़ी बेटी गायत्री (12) और दूसरी बेटी पायल (6) और बेटा गोलू (3) साल का है.
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