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This Article is From May 02, 2024

Rajasthan Politics: लोकसभा चुनाव का रिजल्ट आते ही बदल जाएगा राजस्थान का सियासी ग्राफ! हो सकते हैं ये बड़े बदलाव

Lok Sabha Election 2024: राजस्थान में भाजपा-कांग्रेस के बड़े नेताओं का सियासी भविष्य लोकसभा चुनाव 2024 के रिजल्ट पर निर्भर करेगा. चुनाव परिणाम बताएंगे कि आने वाले दिनों में उनकी राह किसी बड़ी जिम्मेदारी के लिहाज से आसान होगी या फिर सियासी करियर पर विराम लग जाएगा?

Rajasthan Politics: लोकसभा चुनाव का रिजल्ट आते ही बदल जाएगा राजस्थान का सियासी ग्राफ! हो सकते हैं ये बड़े बदलाव
सीपी जोशी, ओम बिरला और सचिन पायलट (फाइल फोटो).

Rajasthan News: राजस्थान में 25 लोकसभा सीटों पर मतदान के बाद अब भाजपा और कांग्रेस ने जीत को लेकर अपने अपने दावे किए हैं. भाजपा (BJP) चुनाव से पहले 25 सीटें जीतने का दावा कर रही थी, जिस पर पार्टी के नेता अभी भी बरकरार हैं. लेकिन लोकसभा चुनाव से पहले ही प्रत्याशियों के चयन में परेशानी झेलने वाली कांग्रेस (Congress) को राजस्थान की वोटिंग से उम्मीद जगी है. मतदान के बाद अब कांग्रेस के नेता भाजपा से एक सीट अधिक जीतने का दम भर रही हैं. कांग्रेस का मानना है कि कम से कम वो राजस्थान में 13 सीट जीत सकती है. लोकसभा चुनाव का परिणाम (Lok Sabha Election 2024 Result) चार जून को आएगा और इसका असर नेताओं के सियासी भविष्य पर पड़ेगा. माना जा रहा है कि परिणाम चाहे जो भी रहे राजस्थान में भाजपा और कांग्रेस के बड़े नेताओं के सियासी ग्राफ में बदलाव लाजमी है.

राजस्थान भाजपा को मिलेगा नया प्रदेशाध्यक्ष

अगर भाजपा की बात करें तो चुनाव के बाद राजस्थान को नया प्रदेश अध्यक्ष मिलेगा. सीपी जोशी वर्तमान में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के साथ-साथ सांसद का चुनाव भी लड़ रहे हैं. ब्राह्मण मुख्यमंत्री होने के चलते अब सीपी जोशी को केंद्र में भाजपा की सरकार आने पर मंत्रिमंडल में जगह या फिर संगठन में किसी दूसरी जगह पर एडजस्ट किया जा सकता है. सीपी जोशी की जगह किसी जाट या किसी दलित नेता को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बना सकती है. वहीं राजस्थान में कांग्रेस 4 जून के बाद मुख्यमंत्री बदलने का दावा कर रही है. लेकिन लगता नहीं है कि मोदी और अमित शाह के इस फैसले में किसी प्रकार का कोई बदलाव होगा. हां, यह जरूर है कि तीन या चार सीट कम होने पर मंत्रिमंडल में कई मंत्रियों की कुर्सी खतरे में होगी. खासतौर पर दौसा चुनाव जिस तरीके से फंसा हुआ है. किरोड़ी लाल मीणा के बयान उनकी चिंताएं जाहिर कर चुके हैं. इसके अलावा चूरू के चुनाव परिणाम भाजपा के वरिष्ठ नेता राजेंद्र राठौड़ के आने वाले दिनों का सियासी भविष्य भी क्या करने वाले होंगे. भाजपा में सबकी नजरें इस बात पर भी टिकी हुई हैं कि अगर लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला तीसरी बार कोटा बूंदी से चुनाव जीततें हैं, और केंद्र में अगर भाजपा की सरकार बनती है, तो उनकी भूमिका क्या होगी? स्पीकर के बाद अब इस बार मोदी सरकार में उनको क्या रोल दिया जा सकता है?

पायलट-डोटासरा के हाथों में होगी कमान

कांग्रेस की बात की जाए तो अगर देश में INDI गठबंधन की सरकार बनती है तो राजस्थान कांग्रेस के सभी नेताओं के अच्छे दिन आ जाएंगे. अगर राजस्थान में कांग्रेस पार्टी 4-5 सीटें भी जीत लें तो भी इसका क्रेडिट कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को मिलेगा. खासतौर पर PCC चीफ का कद और बढ़ जाएगा. भविष्य के लिहाज से सचिन पायलट की भूमिका भी राजस्थान में और बढ़ी और महत्वपूर्ण हो सकती है. परिणाम चाहे जो भी रहे, लेकिन इतना तो तय है कि राजस्थान में अब कमान पायलट डोटासरा जूली जैसे नेताओं के हाथों में ही रहने वाली है. हो सकता है कांग्रेस पार्टी पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के अनुभव को देखते हुए उन्हें केंद्र में संगठनों में कोई बड़ी और अहम जिम्मेदारी दे दे. कुल मिलाकर यह चुनाव केन्द्र में सरकार बनाने और राज्यों में अपनी ताकत दिखाने के साथ-साथ इस लिहाज से भी महत्वपूर्ण है कि इन चुनावों पर राजस्थान में भाजपा कांग्रेस के बड़े नेताओं का सियासी भविष्य भी निर्भर करेगा. चुनाव परिणाम बताएंगे कि आने वाले दिनों में उनकी राह किसी बड़ी जिम्मेदारी के लिहाज से आसान होगी या फिर सियासी करियर पर विराम लग जाएगा?

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