Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी ने 400 पार का लक्ष्य लेकर चला है. ऐसे में बीजेपी इस बार एक अलग रणनीति पर चल रही है. बीजेपी ने इस बार कई नए चेहरों को मैदान में उतारा है. हालांकि सियासी गलियारों इसे लेकर कई बातें कही जा रही है. बीजेपी का मानना है कि वह नए चेहरों और युवाओं को मौका देना चाहती है. लेकिन इसमें एक बड़ी राजनीति भी मानी जा रहा है जो राजस्थान में साफ तौर पर देखा जा रहा है.
राजस्थान में बीजेपी ने प्रत्याशियों के चुनाव में जबरदस्त बदलाव किया है. 25 लोकसभा सीट वाली राजस्थान में बीजेपी ने मिशन 25 का लक्ष्य रखा है. इसके लिए बीजेपी ने 25 सीटों पर कम से कम 13 प्रत्याशी बदले हैं जबकि 10 वर्तमान सांसदों का टिकट काटा है.
राजस्थान में बीजेपी इन सांसदों का काटा टिकट
गंगानगर- निहालचंद
चूरू- राहुल कस्वां
झुंझुनूं- नरेंद्र कुमार
जयपुर शहर- रामचरण बोहरा
भरतपुर- रंजीता कोली
करौली-धौलपुर- मनोज राजोरिया
दौसा- जसकौर मीना
जालौर- देवाजी पेटल
उदयपुर- अर्जुनलाल मीना
बांसवाड़ा- कनक मल कटारा
क्या है सियासी स्ट्रेटजी
कुछ राजनीतिक जानकारों का मानना है कि बीजेपी राजस्थान में अलग रणनीति पर काम कर रही है. बीजेपी यहां सांसदों को रास्ते से हटा रहे हैं जो अपने सीटों पर गढ़ बना चुके हैं. जो बाद में बीजेपी के अंदर भूचाल मचा सकती है. ऐसे में ऐसे भूचाल आने से पहले ही उन्हें नई जिम्मेदारियों के साथ बांधकर उन्हें सेट किया जा रहा है. हालांकि टिकट कटने के बाद भी बगावत की सुगबुगाहट देखी जा रही है.
वहीं चूरू सीट पर बगावत खुलकर सामने आया जब राहुल कस्वां का टिकट काटने के बाद वह बगावत कर कांग्रेस में शामिल हो गए. अब वह बीजेपी उम्मीदवार को टक्कर देने के लिए खड़े हैं. वहीं मनोज रजोरिया को लेकर भी कहा जा रहा है कि वह भी टिकट कटने से खुश नहीं हैं.
कुछ सांसदों से खुश नहीं आलाकमान
ऐसा का जाता है कि कुछ सांसदों से आलाकमान भी खुश नहीं थे. जिसमें जसकौर मीना और रंजीता कोली का नाम शामिल हैं. बजरी माफिया के साथ संबंध को लेकर काफी चर्चाएं हो रही थी. जयपुर शहर से रामचरण बोहरा सांसद होते हुए भी लाइम लाइट से काफी दूर दिखे हैं. नरेंद्र कुमार का परफॉरमेंश विधानसभा चुनाव में अच्छा नहीं रहा और चुनाव हार गए.
क्यों है बीजेपी इतनी आश्वस्त
बीजेपी राजस्थान में 10 सीटों पर वर्तमान सांसदों का टिकट काटने के बाद भी 25 सीटों पर जीत दर्ज करने के लिए आश्वस्त है. इसका मुख्य कारण है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी. पूरे देश में जहां पीएम मोदी के चेहरे पर 400 पार जीत का नारा दिया जा रहा है. वहीं पीएम मोदी के सहारे राजस्थान में मिशन 25 को पूरा करने का लक्ष्य है. क्योंकि काफी सारी सीटों पर तो बीजेपी के उम्मीदवार पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं. ऐसे में उनके लिए पीएम मोदी ही तारणहार बनेंगे. शायद ये आलाकमान का भी मानना है कि जिस तरह से पीएम मोदी को लेकर क्रेज है ऐसे में नए उम्मीदवार भी अपनी सीट निकालने में सफल हो सकता है.
वहीं, जिस तरह से विधानसभा चुनाव 2023 में पासा पलटा है और बीजेपी सरकार में आई है. इससे भी बीजेपी कॉनफिडेंट है कि उन्हें राजस्थान में लोकसभा चुनाव में कुछ ऐसी ही जीत हासिल होगी.
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