
Lok Sabha Election 2024: राजस्थान सहित पूरे देश में अप्रैल मई में लोकसभा चुनाव संभावित हैं. इसको लेकर सभी राजनीतिक दलों ने प्रत्याशियों के चयन की तैयारियां चरम पर हैं. प्रदेश की दो प्रमुख सियासी दल बीजेपी और कांग्रेस की तरफ से लोकसभा चुनाव को लेकर लगातार बैठक आयोजित की जा रही है.
भारत आदिवासी समाज पार्टी ने राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र के 12 लोकसभा सीटों पर अपना पर्यवेक्षक नियुक्त किया है. जिसमें साबरकांठा, दाहोद, भरूच, छोटा उदयपुर , बारडोली, वलसाड, दादर नगर हवेली, नंदुरबार, रतलाम, चित्तौड़गढ़, उदयपुर और खरगोन की लोकसभा सीट शामिल है. इन सीटों पर 32 पर्यवेक्षक नियुक्त किए गए हैं. खास बात यह है कि पार्टी ने अभी तक बांसवाड़ा लोकसभा सीट पर पर्यवेक्षक नहीं उतारा है.
उम्मीदवारों कैसे होगा चयन?
भारत आदिवासी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मोहनलाल रोत ने एबीपी को बताया कि केंद्रीय एकीकरण समिति के निर्देशानुसार पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की गई है. अब यह टीम 1 या 2 फरवरी से अपने अपने क्षेत्रों में तैयारियों में जुटेगी. टीम के जरिए जनप्रतिनिधि सलेक्शन प्रणाली के तहत इन सीटों पर उम्मीदवार तय किया जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि पश्चिम बंगाल तक 32 सीटों पर प्रत्याशी उतरने को तैयारी में लगे हुए हैं.
कांग्रेस से गठबंधन की सुगबुगाहट
राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस भारत आदिवासी पार्टी से गठबंधन करना चाहती है, लेकिन ऐसा कहा जाता है कि स्थानीय नेता इसके पक्ष में नजर नहीं आते हैं. कांग्रेस के राज्य नेतृत्व का मानना है कि, अगर एक बार भारत आदिवासी पार्टी ने इस क्षेत्र में अपने पैर जमा दिए तो कांग्रेस के लिए मुश्किल खड़ी हो सकती है. ऐसे स्थिति में गठबंधन को लेकर पशोपेश की स्थिति बनी हुई है.
बाप ने भाजपा को भी पहुंचाया है नुकसान
पिछले विधानसभा चुनाव में जहां प्रदेश स्तर पर कांग्रेस पार्टी को भारत आदिवासी पार्टी ने नुकसान पहुंचाया है. वहीं वांगड़ क्षेत्र में BAP ने सबसे अधिक नुकसान भाजपा को पहुंचाया है, जिसके चलते भाजपा को कम से कम पांच सीटों का नुकसान हुआ है. वांगड़ क्षेत्र में BAP के 3 प्रत्याशी जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं वहीं BJP भी 3 स्थानों पर जीत हासिल कर पाई थी.
मेवाड़, कांठल और वागड़ क्षेत्र में लड़ेगी चुनाव
विधानसभा चुनाव में मिली जीत से उत्साहित BAP को उम्मीद है कि वह लोकसभा चुनाव में जीत हासिल कर पहली बार लोकसभा में पहुंचेगी. BAP प्रदेश के मेवाड़, कांठल और वागड़ क्षेत्र के 3 लोकसभा क्षेत्र में प्रत्याशी उतारने का विचार कर रही है, जहां पर उसका अच्छा जनाधार है. इसके चलते कांग्रेस -भाजपा रणनीति बदलने को विवश होना पड़ रहा है.
यह भी पढ़ें- राजस्थान सरकार का बड़ा फैसला, नहीं भरना होगा बिजली का बिल, 25 साल तक फ्री में मिलेगी 300 यूनिट बिजली