Rajasthan News: हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में राजस्थान में भाजपा ने लगभग आधी सीटें गवां दीं. उसे 25 में से 11 सीटों पर हार का सामना करना पड़ा था. जबकि 2019 में भाजपा ने प्रदेश की सभी 25 सीटों पर जीत का परचम लहराया था. राजनीति के जानकार भाजपा की इस हार के कारणों में से एक कारण उस नैरेटिव को मानते हैं, जिसमें कहा गया था कि अगर भाजपा दोबारा सत्ता में आई तो वो संविधान बदल कर आरक्षण खत्म कर देंगे. अब एक बार फिर राजस्थान में भाजपा सरकार के सामने ऐसी ही स्थिति आ गई. गुरुवार को राजस्थान पुलिस के आदेश में OBC को दी जा रही उम्र की छूट को खत्म कर दिया गया है. जो कि आने वाले उपचुनाव में एक बड़ा मुद्दा बन सकता है.
आदेश के बाद कांग्रेस विधायक हरीश चौधरी ने 'एक्स' पर आदेश की कॉपी शेयर करते हुए लिखा, सरकार ने एक बार फिर अपनी राजशाही सोच को दर्शाया है. क्या अब भी हम चुप रहें?
क्या कहता है आदेश ?
राजस्थान पुलिस सेवा (संसोधन) नियम 2024 के संबंध में कार्मिक विभाग के ज्वाइंट सेक्रेटरी दिनेश कुमार शर्मा द्वारा जारी आदेश में लिखा है कि पुलिस सर्विस में ओबीसी वर्ग को अधिकतम आयु सीमा में 5 वर्ष की मिलने वाली छूट के आदेश को 16 अप्रैल 2021 से निरस्त कर दिया. इस पर राजस्थान युवाशक्ति एकीकृत महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष मनोज मीणा ने लिखा, 'यह ओबीसी वर्ग के छात्रों के साथ में कुठाराघात है. सीएम से निवेदन है कि छात्रहित में इस आदेश को कैंसिल करें.
राजस्थान पुलिस सेवा में ओबीसी वर्ग को आयु में मिलने वाले पाँच वर्ष की शिथिलता के नियम को ख़त्म कर सरकार ने एक बार फिर अपनी राजशाही सोच को दर्शाया है।क्या अब भी हम चुप रहे ?
— Harish Chaudhary (@Barmer_Harish) July 19, 2024
नही,नही,नही।सरकार के हर अन्याय के विरुद्ध हम सड़क से लेकर सदन तक संगठित होकर लड़ाई लड़ेंगे।#हक_की_बात pic.twitter.com/euJgkOpBZk
उपचुनाव में बन सकता है बड़ा मुद्दा ?
राजस्थान में इस साल के अंत में पांच विधानसभा सीटों दौसा, देवली-उनियारा, खींवसर, झुंझुनू और चौरासी में उपचुनाव हैं. लोकसभा चुनाव में हार के बाद भाजपा इन सीटों पर उपचुनाव जीतना चाहेगी. लेकिन राजस्थान पुलिस सेवाओं में OBC वर्ग की उम्र छूट खत्म करने का मुद्दा इन चुनावों में भाजपा के गले पड़ सकता है.
जहां OBC मतदाता, वहां नुकसान
खींवसर और झुंझुनू विधानसभा सीटों पर OBC वर्ग के मतदाता बड़ी संख्या में हैं. ऐसे जब विपक्ष इस मुद्दे को हवा दे रहा है तो भाजपा को इन दोनों सीटों पर नुकसान उठाना पड़ सकता है. मालूम हो कि लोकसभा चुनाव में भाजपा द्वारा दिया गया 400 पार का नारा उल्टा पड़ गया था. कांग्रेस ने इस नारे को काउंटर करने के लिए कहा कि, भाजपा संविधान बदलना चाहती है इसलिए उन्हें इतनी सीटें चाहिए.
लोकसभा चुनाव के दौरान पूर्वी राजस्थान में संविधान खत्म करने के मुद्दे ने जमीन पकड़ ली थी. कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने इस मुद्दे को पुरजोर तरीके से उठाया था. जिसके बाद भाजपा पूर्वी राजस्थान की दौसा, टोंक-सवाई माधोपुर, भरतपुर, करौली-धौलपुर संसदीय सीटों पर बुरी तरह हार गई थी. इसके अलावा राजस्थान की 7 आरक्षित सीटों में से 5 पर भाजपा को शिकस्त खानी पड़ी.
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