
राजस्थान विधानसभा के कांस्टीट्यूशन क्लब में भाजपा नेता सतीश पूनिया की पहली पुस्तक के विमोचन के अवसर पर सियासत में सांप-सीढ़ी के खेल पर हुई बयानबाजी चर्चाओं में रही. कार्यक्रम में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ ने संबोधन में अपने तरकश से ऐसे सियासी तीर चले कि हर कोई ठहाके लगाने पर मजबूर हो गया. राजेंद्र राठौड़ और टीकाराम जूली के बयानों पर उन्होंने कहा कि वे भी सियासी साँप के डसने के शिकार हुए हैं.
'राजेंद्र राठौड़ ने मुझे डस दिया'
उन्होंने कहा कि साल 2003 में मैं विधायक बना, 2008 में शायद राजेंद्र राठौड़ ने मुझे डस दिया. 2013 में फिर जीत मिली और 2018 में सतीश पूनिया ने डस लिया होगा. उन्होंने स्पष्ट किया कि यह सांप-सीढ़ी का खेल चलता रहेगा और इसमें कोई नई बात नहीं है. बचे हुए टीकाराम जूली हैं. यह खेल तो होता ही रहेगा और रहना भी चाहिए.
सतीश पूनिया पर बोले मदन राठौड़
मदन राठौड़ ने सतीश पूनिया के प्रति अपने सहयोग का भरोसा जताया और कहा कि जब सतीश पूनिया आते थे, मैं आगे-आगे रास्ता साफ करता था. ताकि उन्हें कोई समस्या न हो. आगे भी रास्ता क्लियर ही करूंगा आप चिंता मत करो. राजेंद्र राठौड़ पर चुटकी लेते हुए उन्होंने कहा कि आप घनश्याम तिवाड़ी की बहुत प्रशंसा कर रहे थे.
अब उनको पिंजरे से निकालकर यह घुसने वाले हैं मुझे पता नहीं. खैर अंदर की बात ज्यादा नहीं बोलनी चाहिए. उनका इशारा अगले साल जून में राजस्थान से राज्यसभा की दो सीटें खाली होने पर था.
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