प्रतापगढ़ में सोमवार को बुनकर (बलाई) समाज की ओर से महापंचायत का आयोजन किया गया. रघुनंदन वाटिका में आयोजित महापंचायत में उदयपुर और बांसवाड़ा संभाग के जिलों से समाज के सैकड़ों लोग शामिल हुए. महापंचायत में बुनकर समाज की आर्थिक, शैक्षणिक और राजनीतिक स्थिति पर मंथन किया गया. महापंचायत में घाटोल विधायक हरेंद्र निनामा, अखिल भारतीय बलाई समाज विकास परिषद के प्रदेश अध्यक्ष कोदरलाल बुनकर, जिला अध्यक्ष अर्जुन मालवीय सहित कई जन प्रतिनिधि भी उपस्थित रहे.
बुनकर समाज की ओर से आयोजित महापंचायत में उपस्थित समाज के लोगों को संबोधित करते हुए प्रदेश अध्यक्ष कोदरलाल बुनकर ने कहा कि समाज को आज एकजुट होने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा, कोई भी समाज एकजुट होकर संघर्ष करता है, तो समस्याओं का समाधान होता है. उन्होंने कहा कि कबीरदास जी हमारे आराध्य है, हम डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के लिखे संविधान को मानने वाले हैं. अपने हक को प्राप्त करने के लिए संवैधानिक आधार पर मांग रखते रहेंगे.
उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग की है कि जिस तरह अन्य समाजों के लिए बोर्ड बनाए गए हैं उसी तरह से बलाई समाज कल्याण बोर्ड का भी गठन किया जाए. टीएसपी क्षेत्र में अनुसूचित जाति जनजाति को जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण प्रदान किया जाए. केंद्र और राज्य सरकारें समाज के आर्थिक एवं शैक्षणिक विकास को ध्यान में रखकर योजनाएं क्रियान्वित करें. उन्होंने कहा कि समाज के पारंपरिक व्यवसाय को पुनर्जीवित करने के लिए सरकार विशेष बजट का प्रावधान करने के साथ नि:शुल्क प्रशिक्षण और भूमि की व्यवस्था करें.
बुनकर समाज के जिलाध्यक्ष अर्जुन मालवीय ने अपने संबोधन में कहा कि आज मालवीय, बलाई, बुनकर और सालवी समाज का राजनीति में प्रतिनिधित्व नहीं के बराबर है. संसद, विधानसभा ,पंचायती राज और स्थानीय निकायों में समाज को आरक्षण प्रदान किया जाए. समाज के लोगों को रीको की फैसिलिटी प्रदान की जाए. उन्होंने कहा समाज के लोग सदियों से कृष्ण रासलीला के कार्य से जुड़े हुए हैं. देवस्थान विभाग इन्हें संबल प्रदान करते हुए पेंशन भी प्रदान करें.
वक्ताओं ने समाज के लोगों के लिए मीडिया द्वारा दलित शब्द का प्रयोग करने पर भी आपत्ति जताते हुए कहा कि इस प्रकार के शब्दों से समाज अपने आप को अपमानित महसूस करता है. इसलिए सरकार इस प्रकार के शब्दों पर तुरंत रोक लगाए. वहीं, घाटोल विधायक हरेंद्र निनामा ने कहा कि अनुसूचित जनजाति के लोगों को शैक्षणिक स्तर पर आगे बढ़ना होगा. युवा वर्ग की शैक्षणिक स्थिति मजबूत होगी तो वह आर्थिक और राजनीतिक रूप से अपने आप ही मजबूत होंगे.
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