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Udaipur Leopard: उदयपुर में पकड़े गए दोनों तेंदुए के दांत घिसे हुए, अब सवाल कि नरभक्षी कौन, या दोनों नहीं?

Udaipur Leopard News: तेंदुए के पकड़ने के लिए वन विभाग की तरफ से 80 कर्मचारियों को 7 अलग-अलग टीमों में ग्राउंड पर तैनात किया गया था. इसके लिए करीब 10 पिंजरे और 7 ट्रैप कैमरा लगाए गए थे.

Udaipur Leopard: उदयपुर में पकड़े गए दोनों तेंदुए के दांत घिसे हुए, अब सवाल कि नरभक्षी कौन, या दोनों नहीं?
उदयपुर में पकड़े गए तेंदुए की तस्वीर.

Rajasthan News: राजस्थान के उदयपुर जिले की छाली ग्राम पंचायत में 6 से 7 दिन तक आतंक मचाने वाला 'आदमखोर' तेंदुआ मंगलवार को पकड़ में आ गया. इसमें भी एक नहीं, दो तेंदुए पिंजरे में कैद हो गए. जैसे ही यह खबर ग्रामीणों तक पहुंची, उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा, और वे सारे काम छोड़क तेंदुओं को देखने के लिए पहुंच गए. इसके बाद वन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे, जिन्होंने दोनों तेंदुओं को हेल्थ चेकअप के लिए ट्रक से सज्जनगढ़ बायोलॉजिकल पार्क भेज दिया.

एक तेंदुए के शिकारी दांत टूटे

डॉक्टर्स ने जांच में पाया कि दोनों तेंदुओं के दांत घिसे हुए हैं. जबकि एक तेंदुए के शिकारी दांत इंसानों पर हमला करने के कारण टूट गए हैं. दोनों में तेंदुओं की उम्र 13 साल और 8 साल है. इस परीक्षण के बाद वन विभाग के सामने बड़ा सवाल खड़ा हो गया है कि दोनों में से कौनसा तेंदुआ शिकारी है? क्या ये दोनों नरभक्षी हैं या इन दोनों में से कोई नहीं? फिलहाल अभी दोनों तेंदुओं को वन विभाग के डॉक्टर्स की टीम को निगरानी में रखा हुआ है, जहां उनका स्वास्थ्य परीक्षण चल रहा है.

पिंजरे में घायल हुआ बूढ़ा तेंदुआ

वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि बूढ़ा तेंदुआ पिंजरे में फंसने के बाद छटपटा रहा था, जिससे वह घायल भी हो गया. उसके चेहरे पर चोटें आई हैं. अब विभाग के डॉक्टर्स को टीम निरीक्षण के बाद निर्णय लेगी को दोनों को चिड़िया घर में ही रखा जाए या अन्य जगह. इधर, अलग-अलग जंगल क्षेत्र में तेंदुए का मूवमेंट बरकरार है. इसी को ध्यान में रखते हुए छाली ग्राम पंचायत में अभी भी वन विभाग को टीमें तैनात हैं. पिंजरे अभी भी लगे हुए हैं. आज और टीमें एहतियात के तौर पर रहेंगी. फिर जिले के अलग-अलग तहसील से आई टीमों को भेज दिया जाएगा.

6 दिन में 3 लोगों की ली थी जान

बताते चलें कि गोगुंदा तहसील की छाली ग्राम पंचायत में 18 सितंबर को 16 वर्षीय नाबालिग लड़की बकरियां चराने के लिए जंगल में गई थी, जो देर रात तक नहीं लौटी. इसके बाद ग्रामीण उसको तलाशने के लिए जंगल की तरफ गए, लेकिन नहीं मिली. गुरुवार सुबह पहाड़ी पर उसका शव मिला. उसके शरीर पर तेंदुए के हमले के निशान थे. इसके बाद ही लोगों में खौफ फैल गया. तेंदुए ने इसके बाद 45 वर्षीय खुमाराम और 50 वर्षीय महिला पर हमला किया था, जिससे उनकी मौत हो गई थी. इसे बाद से छाली ग्राम पंचायत के लोग खौफ में थे.

10 पिंजरे, 7 कैमरे और 80 कर्मचारी

तेंदुए के पकड़ने के लिए वन विभाग की तरफ से 80 कर्मचारियों को 7 अलग-अलग टीमों में ग्राउंड पर तैनात किया गया था. इसके लिए करीब 10 पिंजरे और 7 ट्रैप कैमरा लगाए गए थे. सुबह सभी लोकेशन पर रोजाना विभाग की टीम मौके पर पहुंचती और चेक कर रही थी कि तेंदुआ पिंजरे में आया या नहीं. मंगलवार सुबह विभाग को टीम उसी जगह पहुंची जहां 50 वर्षीय महिला का तेंदुए ने शिकार किया था. विभाग ने यहां दो पिंजरे 500 मीटर को दूरी पर लगाए थे. विभाग को टीम जब वहां पहुंची तो पहले पिंजरे में तेंदुआ कैद मिला. वहीं दूसरी पिंजरे में देखा तो वहां भी तेंदुआ था. यानी एक ही लोकेशन पर दो तेंदुए ट्रैप हुए. अब दोनो तेंदुओं को सज्जनगढ़ बायोलोजिकल पार्क लेकर गए हैं.

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