
Mangarh Dham: शिक्षा विभाग की ओर से पाठ्यपुस्तक में से मानगढ़ धाम के पाठ को हटाने की मांग को लेकर स्पष्टीकरण जारी किया गया है. शिक्षा विभाग से जारी स्पष्टीकरण में बताया गया है कि कक्षा 7 की हमारा राजस्थान भाग 1 पुस्तक के अध्याय 8 में पेज संख्या 49 पर प्रमुख जननायक नानाभाई, सेंगाभाई, तथा कालीबाई से संबंधित विषयवस्तु को सम्मिलित किया गया है.
साथ ही, कक्षा 5 की ही पर्यावरण अध्ययन की नई किताब के अध्याय 15 में "हमारे प्रेरक" आदिवासी बलिदान की गाथा- "मानगढ़ भूमि बांसवाड़ा" को शामिल किया गया है, जिसमें सम्माननीय गोविंद गुरूजी के नेतृत्व में किए गए आंदोलन की जानकारी विद्यार्थियों को दी गई है.
ग्रेटेड स्टोरी कार्ड में कालीबाई पर विशेष जानकारी
शिक्षा विभाग से जारी स्पष्टीकरण में यह भी जानकारी दी गई है कि प्रारंभिक शिक्षा के विद्यार्थियों के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 एवं निपूण भारत मिशन के अंतर्गत कक्षा 1 से 5 के लिए ग्रेडेड स्टोरी कार्ड बनाए गए है. इन स्टोरी कार्ड में एक कार्ड कालीबाई पर विशेष जानकारी देते हुए तैयार किया गया है. जो विद्यार्थियों में इस प्रेरणादायी से प्रेरणा लेकर नायिका पर गर्व करने का भाव पैदा करेगा.
शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने क्या कहा?
शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि समाचार पत्रों में नवीन पाठ्यपुस्तकों में आदिवासी अंचल के इतिहास को उपेक्षित करने की भ्रामक जानकारी प्रकाशित की जा रही हैं. जबकि इस संबंध में सही तथ्य यह है कि कक्षा 5 की पर्यावरण अध्ययन की नई पुस्तक ‘हमारा परिवेश' के अध्याय 15 ‘हमारे प्रेरक' में बलिदान की गाथा मानगढ़ धूणी (मानगढ़ पहाड़ी) में मानगढ़ धाम एवं गुरु गोविन्द के योगदान को प्राथमिकता से प्रकाशित किया गया है.
इसी प्रकार वीर बाला कालीबाई की कहानी को कक्षा 7 की हमारा राजस्थान पुस्तक में आदिवासी वागड के गांधी भोगीलाल पंडया, नानाभाई खाट सेंगाभाई के साथ शामिल किया गया है. इसके अलावा कक्षा 1 से 5 तक के बच्चों के लिए ग्रेडेड स्टोरी कार्डस में भी कालीबाई की कहानी को शामिल किया गया है.
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