
सांसद दुष्यंत सिंह ने कहा है कि केंद्र सरकार की अफीम नीति में आमूलचूल बदलाव कर इसे कृषकों के हित में बनाने की ज़रूरत है. उन्होनें सोमवार को संसद भवन के नार्थ ब्लॉक में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी से मुलाकात कर 13 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन सौंपा. इस दौरान छबड़ा विधायक प्रताप सिंह सिंघवी ने भी अफीम किसानों का पक्ष रखा. सांसद दुष्यंत सिंह ने 1997-98 में नीमच फेक्ट्री द्वारा अफीम की घटिया किस्म बताकर और फसल को खराब बताकर खारिज किए गए लाइसेंस बहाल करने की मांग रखी है.
उन्होनें वर्ष 1998 के बाद विभिन्न कारणों से रोके गए सभी लाइसेंस जीरो औसत के आधार पर बहाल करने का प्रस्ताव रखा. सांसद ने किसानों का पक्ष रखते हुए अफीम का मूल्य 10 हजार रुपये प्रति किग्रा करने एवं डोडा चूरा के पर्याप्त भाव देने की मांग रखी. सांसद सिंह ने अफीम तोल की सीपीएस पद्धति को समाप्त करते हुए पुरानी चीरा पद्धति बहाल करने की मांग भी उठाई. सांसद ने अफीम लाइसेंस का रकबा 10 से बढ़ाकर 20 आरी करने, दिवंगत पट्टाधारकों के स्थान पर उनके वारिसान को लाइसेंस एवं एमक्यूआई 102 से 80 किलोग्राम करने की सिफारिश की है.
राज्य मंत्री चौधरी ने समस्त मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार कर अफीम किसानों को राहत प्रदान करने का भरोसा दिलाया है. बैठक के दौरान जेडआरयूसीसी सदस्य धीरज गुप्ता व दूरसंचार सलाहकार समिति सदस्य नागेश शर्मा भी मौजूद रहे.
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