
Health News: आयुर्वेद की औषधीय जड़ी-बूटी मुलेठी अपने अनगिनत फायदों के कारण चर्चा में है. यह न सिर्फ हृदय की सेहत को बेहतर बनाती है, बल्कि हार्ट ब्लॉकेज और हार्ट अटैक के खतरे को भी कम करती है. मुलेठी में मौजूद एंटीऑक्सिडेंट और प्रोटीन हृदय की मांसपेशियों को मजबूती देते हैं और रक्त संचार को सुचारू रखते हैं. इसके नियमित सेवन से कोलेस्ट्रॉल का स्तर नियंत्रित रहता है, जो हृदय रोगों से बचाव में अहम है.
आयुर्वेद में मुलेठी का महत्व
आयुर्वेद में हृदय रोगियों को मुलेठी का चूर्ण खासतौर पर सुझाया जाता है. रोजाना तीन से पांच ग्राम मुलेठी चूर्ण को 15 से 20 ग्राम मिश्री मिले पानी के साथ लेने से हृदय की सेहत में सुधार होता है.
मुलेठी के एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण हृदय में सूजन और तनाव को कम करते हैं, जिससे ब्लॉकेज की आशंका घटती है. इसकी ठंडी तासीर इसे हर प्रकृति के लोगों के लिए उपयुक्त बनाती है, यहां तक कि पित्त प्रकृति वाले भी इसका सेवन कर सकते हैं.
अन्य रोगों में भी फायदेमंद
मुलेठी सिर्फ हृदय के लिए ही नहीं, बल्कि मुंह के छालों, गले की खराश, खांसी और गला बैठने जैसी समस्याओं में भी रामबाण है. रोग के अनुसार इसका सेवन अलग-अलग तरीकों से किया जा सकता है. यह जड़ी-बूटी न केवल स्वास्थ्यवर्धक है, बल्कि आसानी से उपलब्ध भी है.
सावधानी जरूरी
हालांकि मुलेठी के फायदे अनेक हैं, लेकिन इसका सेवन संतुलित मात्रा में करना जरूरी है. अधिक मात्रा में लेने से मांसपेशियों में कमजोरी जैसे दुष्प्रभाव हो सकते हैं.
गर्भवती महिलाओं को डॉक्टर की सलाह के बिना इसका सेवन नहीं करना चाहिए. आयुर्वेदिक वैद्य से परामर्श लेकर ही मुलेठी का उपयोग करें. मुलेठी के सही इस्तेमाल से न सिर्फ हृदय स्वस्थ रहेगा, बल्कि कई अन्य समस्याओं से भी राहत मिलेगी. क्या आप भी इस आयुर्वेदिक खजाने का लाभ उठाएंगे?