श्रीगंगानगर जिले में नरमा और कपास की फसल गुलाबी सुंडी (फसलों पर लगने वाला कीड़ा) की चपेट में है. गुलाबी सुंडी (Pink caterpillar) के कारण नरमा और कपास की फसल लगभग 80 प्रतिशत बर्बाद हो चुकी है. किसानों का कहना है कि बीटी कॉटन बीज में नॉन बीटी बीज की मिक्सिंग की गयी है. जिसकी वजह से फसल में गुलाबी सुंडी का प्रकोप हो गया. जबकि इस बीज पर लिखा हुआ था कि इसका उपयोग करने पर फसलों पर सुंडी नहीं लगेगी.
'मुआवजा न मिला तो हो जाएंगे बर्बाद'
किसानों ने कहा कि नकली बीज के साथ-साथ मौसम भी खराब हो गया है, जिससे फसल में फंगस भी पड़ गयी और नतीजा ये हुआ कि श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ और अनूपगढ़ जिलों में फसल पूरी तरह चौपट हो गयी है. किसानों ने कहा कि यदि राज्य सरकार ने मुआवजा नहीं दिया तो किसान बुरी तरह बर्बाद हो जायेंगे.
'मौसम से प्रभावित हुईं फसलें'
किसानों ने आगामी 26 सितम्बर को श्रीगंगानगर में एक बड़ा प्रदर्शन करने की भी घोषणा की है. उधर इस मामले में जिला कृषि अधिकारी डा. जीआर मटोरिया का कहना है कि किसानों की फसल गुलाबी सुंडी के कारण प्रभावित हुई है. इसमें बीज का इसमें दोष नहीं है. उनका कहना है कि मौसम की वजह से फसल प्रभावित हुई.
कृषि विभाग ने शुरू की जांच
किसानों के आरोपों के बाद कृषि विभाग ने जांच शुरू कर दी है. कृषि विभाग के अधिकारियों ने किसानों से फसलों के नमूने लिए हैं और उनका परीक्षण किया जा रहा है. कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जांच के बाद ही यह पता चल सकेगा कि फसलों के खराब होने का मुख्य कारण क्या है.
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