राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरूवार को कहा कि ओबीसी आरक्षण और जातीय जनगणना के बिना नारी शक्ति वंदन अधिनियम अधूरा है. जयपुर में एक कार्यक्रम के बाद मीडिया से चर्चा करते हुए सीएम गहलोत ने कहा कि महिलाओं को राजनीति में उचित प्रतिनिधित्व देने का जो ऐतिहासिक कार्य पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने किया था, उसे सोनिया गांधी ने आगे बढ़ाया.
उन्होंने कहा कि यह विधेयक विपक्ष के दबाव व चुनावी दौर में राजनीतिक लाभ के लिए लाया गया है, हालांकि ओबीसी आरक्षण एवं जातिगत जनगणना के बिना यह अधूरा है. उन्होंने कहा केंद्र सरकार को जातिगत जनगणना कराकर सामाजिक न्याय सुनिश्चित करना होगा.
अशोक गहलोत
उन्होंने जोड़ते हुए कहा, 'अब चुनाव भी आ रहे हैं. यह समझ गए हैं कि विपक्ष (इंडिया गठबंधन) जातिगत जनगणना का मुद्दा बना रहा है तो जातिगत गणना भी महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा, 'भारत सरकार को चाहिए वो खुद ही आगे आकर, जो सोनिया गांधी और कई विपक्षी पार्टियों की भावना थी कि आप एससी/एसटी/ओबीसी को आरक्षण करो.. महिलाओं के 33 फीसदी आरक्षण में उनका भी आरक्षण करो..तब जाकर सभी जातियों को, सभी वर्गों को उसमें आने का मौका मिलेगा
उन्होंने कहा कि उनका टारगेट राजस्थान ही है.. किसी कीमत पर राजस्थान को कैसे जीते..सरकार तोड़ नहीं पाए वो,उनके दिल में यही जलन है..आग लगी हुई है.. हम वहां कामयाब क्यों नहीं हुए. गहलोत ने कहा, ये जो उनके दिल में दर्द है. वो मैं तो मिटा नहीं सकता. वो चाहते हैं येन केन प्रकारेण.. साधनों की कमी नहीं है उनके पास में .. साम, दाम, दंड, भेद (इनकम टैक्स, ईडी,) को भेज दिया, ‘टारगेट हमारी सरकार है.. मैं खुद भी हूं.
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