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एसपी ऑफिस में तैनात सिपाही को नहीं मिल रहा 'न्याय', परिजनों के साथ मारपीट का आरोपी अब तक नहीं हुआ गिरफ्तार

इस मामले को लेकर कांस्टेबल के द्वारा उच्च अधिकारियों को अवगत कराया,लेकिन कोई भी सुनवाई नहीं हुई. बाद में आईजी राहुल प्रकाश का दरवाजा खटखटाना पड़ा और पीड़ित परिवार के द्वारा आईजी को परिवार देकर के न्याय की गुहार लगाई है.

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एसपी ऑफिस में तैनात सिपाही को नहीं मिल रहा 'न्याय', परिजनों के साथ मारपीट का आरोपी अब तक नहीं हुआ गिरफ्तार
पीड़ित पुलिसकर्मी

Bharatpur News: एक और लोगों को पुलिस से न्याय की उम्मीदें होती हैं लेकिन दूसरी ओर जब खुद पुलिसकर्मी न्याय के लिए दर-दर भटक रहा हो तो आप अंदाजा लगा सकते हैं एक आम आदमी का क्या हाल होता होगा. मामला डीग जिले के कामां पुलिस थाने का है, जहां करीब 10 माह पहले कांस्टेबल के परिजनों के साथ मुज्जी उर्फ मुबारिक द्वारा घर में घुसकर मारपीट की गई थी.

कांस्टेबल के परिजनों के साथ हुई मारपीट को लेकर मामला दर्ज हुआ, लेकिन आरोप है कि आईओ द्वारा गवाहों के बयान बदल दिए गए, जिसके चलते कांस्टेबल के पिता ने आईजी से न्याय की गुहार लगाई है. आईजी ने कांस्टेबल के पिता को आश्वासन देते हुए कहा है कि पूरे मामले की गंभीरता से जांच कर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

कांस्टेबल के पिता जयपाल ने बताया कि पत्नी,बेटी से 10 माह पहले चार-पांच लोगों ने घर में घुसकर मारपीट की थी. इसी दिन कामां थाने में मामला दर्ज हुआ, लेकिन पुलिस के द्वारा पीड़ित पक्ष का पांच दिन बाद भी मेडिकल नहीं करवाया गया. आरोपी मुज्जि उर्फ़ मुबारक सरकारी कर्मचारी है और उसकी पत्नी कम्मो बेगम गांव बिलग की वर्तमान सरपंच है.

उन्होंने आरोप लगाया कि, राजनैतिक पहुंच होने की वजह से इस मामले में प्रभावशाली कार्रवाई नहीं होने के कारण तफ्तीश अनुसंधान अधिकारी प्रदीप यादव से बदलवा कर वर्तमान अनुसंधान अधिकारी आशीष प्रजापत को सुपुर्द की थी. वर्तमान आईओ ने कोई कार्रवाई नहीं की और आरोपी से सांठ-गांठ कर पीड़ित के प्रकरण को झूठा साबित किया जा रहा है.

पैसे की ताकत से बदलवाए झूठे बयान 

सिपाही के पिता ने कहा कि, आरोपी पक्ष आर्थिक स्थिति से मजबूत है और इसी का फायदा उठाकर गवाह अजय कुमार के झूठे बयान दर्ज कर लिए साथ ही अजय ने आईओ से कहा यह बयान झूठे दर्ज किए गए हैं. एक अन्य गवाह मूलचंद द्वारा बयान दिए ही नहीं गए लेकिन आईओ ने स्वयं ही मूलचंद के झूठे बयान आरोपी के पक्ष में दर्ज कर लिए.

जांच अधिकारी ने आरोपी पक्ष के हित में दर्ज की प्राथमिकी

पीड़ित द्वारा स्वतंत्र गवाह छीतरिया और बाबूलाल ने आरोपी पक्ष के लोगों के पीड़ित के घर में घुसकर मारपीट करने और जाति सूचक शब्दों से अपमानित करने की बयान दिए थे, लेकिन अनुसंधान अधिकारी ने बयान बदलकर आरोपी पक्ष के हित में दर्ज कर दिए. जबकि इन सभी बयानों को रिकॉर्ड किया गया था एक अन्य गवाह अमित कुमार ने पीड़ित पक्ष में बीते 31 दिसंबर को बयान दिए थे जिसे अनुसंधान अधिकारी द्वारा दर्ज नहीं किया गया.

उच्च अधिकारियों को भी है मामले की जानकारी 

इस मामले को लेकर कांस्टेबल के द्वारा उच्च अधिकारियों को अवगत कराया लेकिन कोई भी सुनवाई नहीं हुई आखिरकार अंत में आईजी राहुल प्रकाश का दरवाजा खटखटाना पड़ा और पीड़ित परिवार के द्वारा आईजी को परिवार देकर के न्याय की गुहार लगाई है पीड़ित परिवार को भरोसा दिलाया है कि पूरे मामले की जांच कर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

कांस्टेबल डीग एसपी ऑफिस में कार्यरत 

कांस्टबेल मुनेश कुमार डीग एसपी ऑफिस में कार्यरत हैं.मामले को लेकर के कांस्टेबल ने कई बार अनुसंधान अधिकारी से न्याय की गुहार लगाई थी लेकिन अनुसंधान अधिकारी के द्वारा कांस्टेबल की एक बार भी नहीं सुनी गई.यह जानकर लोग अचंभित रह जाते हैं कि जब एक पुलिसकर्मी खुद ही न्याय के लिए दर-दर भटक रहा है तो अन्य लोगों का क्या हाल होता होगा.

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