
राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 के लिए भाजपा द्वारा जारी 41 उम्मीदवारों की सूची के बाद उठे बगावती सुर रूकने का नाम नहीं ले रहे हैं. ताजा मामला झुंझुनूं जिले का है, जहां पार्टी ने जिले की चार विधानसभा सीटों पर भाजपा ने प्रत्याशियों की घोषणा की है. ये चारों विधानसभा सीटें ऐसी है, जहां पर पिछली बार भाजपा नहीं जीती थी और इस बार भी भाजपा के लिए ये सीटें जीतना मुश्किल नजर आ रहा है.
दरअसल, झुंझुनूं विधानसभा के बाद अब मंडावा विधानसभा में बगावती सुर सामने आ गए है. नवरात्र के पहले ही दिन पूर्व प्रधान एवं भाजपा जिला उपाध्यक्ष सुशीला सीगड़ा व पूर्व प्रधान गिरधारीलाल खीचड़ ने संयुक्त प्रेस वार्ता कर टिकट पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि मंडावा विधानसभा क्षेत्र में पार्टी कार्यकर्ता इस टिकट के फैसले से नाखुश है. वे आगामी चार दिनों तक सभी 57 ग्राम पंचायत और दोनों नगरपालिका क्षेत्र में पार्टी के कार्यकर्ताओं से मुलाकात करेंगे.
उन्होंने कहा कि जब नरेंद्र कुमार खीचड़ को विधायक ही बनना था, तो 2018 में जब विधायक बनें तो इस्तीफा देकर 2019 में सांसद नहीं बनना चाहिए था. उन्होंने कहा कि उन्होंने तब मंडावा की जनता और कार्यकर्ताओं को बीच मझदार में छोड़ दिया था खीचड़ ने बातों ही बातों में इशारा किया कि सांसद नरेंद्र कुमार को खुद और अपने परिवार के अलावा कुछ दिखाई नहीं देता.
उन्होंने खीचड़ पर निशाना साधते हुए कहा, उन्हें विधायक, सांसद और जिला प्रमुख, सभी पदों पर खुद या परिवार के सदस्य ही चाहिए, लेकिन इस टिकट वितरण से कार्यकर्ताओं की भावनाएं आहत है, क्योंकि चार सालों तक सांसद नरेंद्र कुमार ने मंडावा के कार्यकर्ताओं और जनता की सुध तक नहीं ली.
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