
Naresh Meena: राजस्थान विधानसभा उपचुनाव के दौरान SDM थप्पड़ कांड का मामला काफी चर्चाओं में था. इस मामले में ही नरेश मीणा को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. वहीं देवली उनियारा विधानसभा में हुए इस कांड के बाद नरेश मीणा को अब तक जमानत नहीं मिल पाई है. लेकिन इस मामले में टोंक एससी-एसटी कोर्ट में चल रही कार्रवाई पर हाई कोर्ट ने अंतरिम रोक लगा दी है. जस्टिस उमाशंकर व्यास की अदालत ने यह रोक नरेश मीणा की निगरानी याचिका पर सुनवाई करते हुए लगाई वहीं हाई कोर्ट ने सरकार से भी जवाब मांगा है.
हत्या का आरोप लगाकर रिपोर्ट दर्ज करवाया गया
सुनवाई के दौरान नरेश मीणा के वकील ने कोर्ट को बताया कि यह प्रकरण मारपीट का है, जबकि इस मामले को तूल दिया गया और हत्या के प्रयास के रूप में रिपोर्ट दर्ज करवाया गया. इसका सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है जिसमें जानलेवा हमला जैसा कुछ भी नहीं पाया गया है.
वकील ने कहा कि SDM के मेडिकल रिपोर्ट में भी जानलेवा चोट की पुष्टि नहीं हुई है और न ही शरीर पर कोई गला दबाने का निशान है. यह अचानक हुआ घटनाक्रम था, लेकिन इसे जानलेवा हमला बताया गया. जबकि यह अधिकतम मारपीट का मामला बनता है.
सरकार से मांगा जवाब
मामले की सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट की एकल पीठ ने निचली अदालत की कार्रवाई पर अंतिर रोक लगाई है. वहीं सरकार से भी इस मामले जवाब मांगा है.
क्या था पूरा मामला
नवंबर 2024 में विधानसभा उपचुनाव हुआ था. इस दौरान देवली उनियारा विधानसभा में मतदान के दौरान समरावता गांव के लोगों ने मतदान बहिष्कार किया था. नरेश मीणा ने भी गांव वालों का समर्थन किया. इस दौरान कुछ लोगों को जबरन वोट दिलवाने का आरोप SDM पर लगाते हुए नरेश मीणा ने एसडीएम अमित चौधरी को थप्पड़ जड़ दिया था. वहीं इसके दूसरे दिन नरेश मीणा को गिरफ्तार कर लिया गया. इसके बाद काफी बवाल भी हुआ था जिसमें करीब 60 लोगों को गिरफ्तार किया गया. वहीं उन लोगों को जमानत दे दिया गया लेकिन नरेश मीणा को अब तक जमानत नहीं मिला है.