
Rajasthan News: बीकानेर जिले में तेल और गैस की तलाश के लिए ओएनजीसी ने तीन स्थानों पर मंगलवार से ड्रिलिंग शुरू कर दी है. इस प्रोजेक्ट पर करीब 49 करोड़ रुपए खर्च होंगे. ड्रिलिंग करने के बाद सैंपल लिए जाएंगे जिनसे गैस और तेल के भण्डार और उनकी क्वालिटी का पता चलेगा. बीकानेर जिले में तेल और गैस के भंडारों का पता लगाने की कोशिशें काफी अरसे से चल रही थी, लेकिन अब इस कार्य में तेजी लाई जा रही है.
सर्वे के बाद शुरू हुआ काम
बीकानेर-नागौर बेसिन में 2118 स्क्वायर किलोमीटर एरिया में तेल और गैस मिलने का अंदाजा हुआ है. इस पर 48 करोड़ रुपए लगा कर पिछले कुछ सालों में लगातार सर्वे किया गया था. इस सर्वे के बेस पर अब नाल इलाके में दो जगहों और कोलायत के सालासर इलाके में एक स्थान पर ओएनजीसी ने ड्रिलिंग शुरू की है. इन तीनों जगहों पर ड्रिलिंग कर नमूने लिए जाएंगे और तेल-गैस के भण्डार और उनकी गुणवत्ता का पता लगाया जाएगा.
सिरेमिक हब बन जाएगा इलाका
बीकानेर के सांसद और केन्द्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल का कहना है कि कोलायत में सिरेमिक के कच्चे माल का भी भंडार है और तेल और गैस मिल जाने से ये इलाका सिरेमिक हब बन जाएगा. बीकानेर में लिथियम, हीलियम और हाइड्रोजन होने के साक्ष्य भी मिले हैं. जमीन के नीचे पानी की खोज पर भी काम किया जा रहा है. इन सब से यहां की इंडस्ट्री में बहुत बड़ा बदलाव आएगा. इसके अलावा ऊर्जा के क्षेत्र में भी 40 हजार करोड़ रुपए का निवेश किया जा चुका है. केन्द्रीय मंत्री अर्जुनराम खुद इस मामले में रुचि ले रहे हैं.
'ये रेगिस्तान का इलाका है...'
प्रसिद्ध भूगर्भ शास्त्री और राजकीय डूंगर कॉलेज में जियोलॉजी विभाग के अध्यक्ष डा. देवेश खंडेलवाल कहते हैं तेल और गैस के भंडारों की दृष्टि से ये क्षेत्र बहुत समृद्ध के और इस पर कई साल पहले ही काम शुरू हो जाना चाहिए था. बीकानेर-नागौर बेसिन में इनके भंडार होने की बात वे कई सालों से कह भी रहे हैं. ये रेगिस्तान का इलाका है, इसलिए यहां पेट्रोलियम के भण्डार हो सकते हैं और ऐसे साक्ष्य मिलते भी रहे हैं. अगर प्रॉपर तरीके से खोज की जाए तो वह दिन दूर नहीं जब बीकानेर भी पेट्रोलियम का हब बन जाएगा.
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