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अफीम पर चीरा लगाना पड़ा भारी, नाती के होशियारी ने नाना को खिलाई जेल की हवा

उदयपुर में एक नाती की होशियारी ने नाना को जेल की हवा खिलाई. अफीम की बुआई के दौरान नियम के खिलाफ चीरा लगाया था.  

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अफीम पर चीरा लगाना पड़ा भारी, नाती के होशियारी ने नाना को खिलाई जेल की हवा
अफीम पर चीरा लगाने के बाद आरोपी गिरफ्तार

Rajasthan News:  चित्तौड़गढ़ में नाती की प्लानिंग के चलते नाना को भी जेल की हवा खानी पड़ेगी. मामला एनडीपीएस से जुड़ा हुआ हैं. नारकोटिक्स विभाग ने सीपीएस पद्धित (अफीम डोडे के बिना चीरा लगाए) के तहत दिए पट्टे की अफीम डोडे पर चीरा लगाकर अफीम लुवाई के मामले में दोहिते और नाना को गिरफ्तार किया हैं. सूचना के अनुसार डूंगला तहसील के पालोद गांव में एक खेत पर सीपीएस पद्धति के तहत की गई अफीम बुआई को बिना अनुमति के अफीम डोडे पर चीरा लगाकर अफीम लुवाई की जा रही हैं.

जानकारी के अनुसार केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो टीम उदयपुर को एक सूचना मिली. इस पर एक स्पेशल टीम का गठन कर डूंगला क्षेत्र के पालोद गांव स्थित अफीम के खेत पर पहुंची. सीपीएस पद्धति का पट्टाधारी होने के बावजूद डोडे पर चीरा लगाने का पहला मामला आया हैं. 

अफीम पर लगाया चीरा 

सीबीएन उदयपुर के अधीक्षक रघुनाथ रैगर ने बताया कि चित्तौड़गढ़ जिले के डूंगला तहसील के पालोद गांव निवासी 72 वर्षीय शंकर लाल डांगी के नाम पर सीपीएस पद्धति के तहत 10 आरी का अफीम पट्टा दिया गया. इस पद्धति के तहत अफीम डोडे पर बिना चीरा लगाएं ही विभाग को अफीम डोडे जमा करवाने थे. टीम पालोद गांव स्थित खेत पर पहुंची तो वहां खेत में खड़ी अफीम के डोडे पर एक साईड में कई अफीम डोडे पर चीरा लगा दिये. उदयपुर की टीम ने कार्यवाही करते हुए चीरा लगे अफीम डोडे के पौधे उखाड़ लिए. टीम ने पौधे की गिनती की तो 736 अफीम के पौधे हुए. 

गिरफ्तार हुए आरोपी

टीम ने अफीम पट्टाधारी शंकर लाल डांगी को गिरफ्तार किया. वही शंकर लाल के दोहिता किशन लाल को भी इस मामले में गिरफ्तार किया. दोनों आरोपियों के गिरफ्तारी के बाद अफीम के पौधे जब्त कर चित्तौड़गढ़ द्वितीय खण्ड लाया गया. नारकोटिक्स विभाग ने एनडीपीएस एक्ट में मामला दर्ज किया गया.

क्या हैं सीपीएस पद्धति

जिले में कई अफीम काश्तकारों को इस बार सीपीएस पद्धति के तहत 10-10 आरी के पट्टे दिए गए हैं. इस पद्धति के तहत अफीम किसान को अफीम के डोडे पर बिना चीरा लगाएं ही नारकोटिक्स विभाग को सीधे अफीम डोडे जमा करवाने होते हैं. 

गम पद्धति क्या हैं

अफीम डोडे पर चीरा लगाया जाता हैं. इसके बाद डोडे पर अफीम की लुवाई की जाती हैं. जब तक अफीम के डोडे पर दूध आता रहता हैं तब तक डोडे से अफीम कलेक्ट किया जाता हैं. उसके बाद प्रति आरी के हिसाब से विभाग को डोडे से निकाली गई अफीम को विभाग में जमा करवाया जाता हैं.

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