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ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM ) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने रविवार को लोगों से नफरत से आजादी, समानता, भेदभाव खत्म करने और भाईचारे को मजबूत करने के लिए उनकी पार्टी को वोट देने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि 2014 में नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद नफरत बढ़ी है और अगर लोगों को नफरत और सांप्रदायिकता खत्म करनी है तो अपनी राजनीतिक ताकत समझनी होगी.
उन्होंने कहा कि, कांग्रेस मेरे बारे में कहती है कि मैं उनके वोट काटने के लिए आया हूं, लेकिन हमारी पार्टी तो पहली बार चुनाव लड़ रही है, तो पिछले चुनाव कांग्रेस कैसे हार गई ? उन्होंने कहा कि गुर्जर जाट की बात करने वालों को फायदा हुआ लेकिन मुसलमानों को क़ब्रिस्तान का मंत्री बनाया गया. 16 घण्टे रोज़े हम रखते हुए ये लोग हमारी खुजूर तक खा जाते हैं.
UAPA कानून का समर्थन संसद में राहुल गांधी ने किया था. आज देश की जेलों में दलित, आदिवासी और अल्पसंख्यकों की तादाद सबसे ज़्यादा ज़्यादा है.
ओवैसी ने कहा कि लोगों के पास वोट देने के लिए सिर्फ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस थी, लेकिन अब उनके पास AIMIM का विकल्प है.
ओवैसी की पार्टी राजस्थान में पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ रही है. एआईएमआईएम ने जयपुर के हवामहल, सीकर के फतेहपुर और भरतपुर जिले के कामां में अपने उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतारे हैं. ओवैसी ने रविवार को यहां एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, 'अगर आप नफरत से आजादी पाना चाहते हैं, हिस्सेदारी और समानता पाना चाहते हैं, भेदभाव खत्म करना चाहते हैं और भाईचारा मजबूत करना चाहते हैं तो AIMIM को वोट दें.'
औवेसी ने कहा कि वह जहां भी चुनाव लड़ते हैं राजनीतिक पार्टियां वोट बांटने का आरोप उन पर लगाती हैं. उन्होंने कहा, 'मैं पहली बार राजस्थान में चुनाव लड़ रहा हूं. 2019 में भाजपा के 25 सांसद कैसे जीत गए? कांग्रेस के लोग इसका जवाब नहीं दे पाएंगे. कल कांग्रेस के जिम्मेदार लोग कहेंगे कि ओवैसी आए और उन्होंने उत्तेजक भाषण दे दिया.'
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