
Rajasthan News: पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद अब भारत सरकार ने सख्त रुख अपनाते हुए पाकिस्तानी नागरिकों को वापिस भेजनें के निर्देश दे दिए है. इसी भी पश्चिमी राजस्थान के जैसलमेर के रहने वाले मोहम्मद रमजान को अपने बेटे अब्दुल गफार से बिछड़ना मंजूर नही है. वो FRRO ऑफिस के चककर काट रहा है, ताकि कोई हल निकल जाए ओर उसे अपने बेटे से एक बार फिर जुदा नही होना पड़े.
प्यार से शुरू हुआ था सफर
मोहम्मद रमजान का निकाह 2004 में पाकिस्तान के रहीमयार की चांदनी से हुआ था. 2006 में उनके बेटे अब्दुल गफार का जन्म पाकिस्तान में हुआ. 2010 में चांदनी और अब्दुल वीजा लेकर भारत आए और जैसलमेर में बस गए. अब्दुल ने यहीं सरकारी स्कूल में पढ़ाई शुरू की. लेकिन कुछ कारणों से परिवार को पाकिस्तान लौटना पड़ा.
वीजा खत्म होने के कारण चांदनी और अब्दुल वहीं रुक गए. लंबे संघर्ष के बाद 2023 में चांदनी को वीजा मिला और वो भारत लौटीं, लेकिन अब्दुल तब भी नहीं आ पाया.
लंबे इंतजार के बाद हुआ था मिलन
इसी महीने अब्दुल को वीजा मिला और वो अटारी बॉर्डर से जैसलमेर पहुंचा. परिवार फिर से एक हुआ, लेकिन पहलगाम हमले ने सब बदल दिया. अब्दुल को पाकिस्तान लौटने का आदेश मिला है. मोहम्मद रमजान और अब्दुल लॉन्ग टर्म वीजा के लिए प्रशासन से गुहार लगा रहे हैं. मोहम्मद रमजान कहते हैं, "मेरा बेटा यहीं पला-बढ़ा है. हम उसे दोबारा नहीं खोना चाहते."
क्या मिलेगी राहत?
परिवार की उम्मीद अब सरकार और FRRO दफ्तर पर टिकी है. क्या अब्दुल को भारत में रहने की इजाजत मिलेगी? यह सवाल पूरे जैसलमेर में चर्चा का विषय बना हुआ है.
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