
Pali Pollution News: पिछले 50 साल से भी ज्यादा समय से राजस्थान का पाली जिला प्रदूषण का दंश झेल रहा है. कपड़ा फैक्ट्रियों से निकल रहे प्रदूषित पानी को बांडी नदी में छोड़े जाने से नदी पूरी जहरीली हो गई है. नदी किनारे आसपास मौजूद कुएं का पानी भी जहरीला हो गया है. वहीं किसानों की लाखों बीघा जमीन भी बंजर हो गई, यह गंभीर मामला एनजीटी कोर्ट में पहुंचा. प्रदूषण से निजात पाने के लिए ही करोड़ों की लागत से जीरो लिक्विड डिस्चार्ज प्लांट लगाया गया, जिसकी क्षमता 12 एमएलडी की है.
फैक्ट्री से प्राथमिक ट्रीट के बाद छोड़ा जा रहा पानी
सरकार ने सभी फैक्ट्री में पानी को फील्टर करने के की व्यवस्था की है, जो प्राथमिक ट्रीट कर पानी छोड़ता है. पाली में कुल 6 ट्रीटमेट प्लांट है, हाल ही 3 नंबर प्लांट का रिवैल्यूएशन तैयार किया गया है. फैक्ट्रियों का पानी पहले 3 नंबर प्लांट पर पहुंचेगा. यहां रिक्रेट और बायोलॉजिकल करने के बाद जेडीएलडी पहुंचेगा, जिससे अभी जो तीन एमएलडी पानी ट्रीट हो रहा है. वह धीरे-धीरे 12 एमएलडी तक पानी ट्रीट करेगा.
प्लांट चालू होने से क्या होगा फायदा
प्रदूषित पानी भी बांडी नदी में नहीं जाएगा, उद्योगों में उत्पादन बढ़ेगा, लोगों को स्थाई रोजगार मिलेगा. अभी रोटेशन प्रणाली पर फैक्ट्रियां चल रही हैं, होली के बाद में पूरे वेज से शहर का कपड़ा उद्योग की फैक्ट्रियां 24 घंटे चलेगी. प्रोडेक्शन भी बढ़ेगा, प्रदूषण भी कम होगा , किसानों को भी फायदा होगा.
सीईटीपी फाउंडेशन के अध्यक्ष अशोक लोढ़ा ने बताया कि 3 नम्बर प्लांट के चालू हो जाने से न केवल प्रोडक्शन बढ़ेगा बल्कि किसानों को भी फायदा होगा ,नदी में भी पानी प्रदूषित नहीं जाएगा, जेडीलडी प्लांट भी पूरी क्षमता के साथ चलेगा, उद्योगों के साथ मजदूरों को भी रोजगार मिलेगा.
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