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This Article is From Oct 22, 2024

रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल से परेशान मरीज, SMS अस्पताल में घंटों इंतजार के बाद भी नहीं मिल रहा इलाज 

Resident Doctors' Strike In Jaipur: एसएमएस अस्पताल के अधीक्षक डॉ सुशील भाटी ने कहा कि सरकार इस मामले को लगातार मॉनिटर कर रही है. अगर रेजिडेंट डॉक्टर अगले दो तीन दिन में काम पर नहीं लौटते तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी.

रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल से परेशान मरीज, SMS अस्पताल में घंटों इंतजार के बाद भी नहीं मिल रहा इलाज 

Jaipur News: रेजिडेंट डॉक्टरों की स्ट्राइक का असर स्वास्थ्य सेवाओं पर पड़ रहा है. एसएमएस अस्पताल के कार्डियोलॉजी, न्यूरोलॉजी, मेडिसिन डिपार्टमेंट में मरीजों को 4 - 5 घंटे तक लाइन में लगना पड़ रहा है. कुछ मरीजों को घंटो इंतजार के बाद भी इलाज नहीं मिल पा रहा. दूर दराज से आने वाले मरीजों को इलाज न मिलने के कारण निजी अस्पतालों की तरफ जाना पड़ रहा है. कुछ मरीजों के सामने बिना इलाज के लौटने का संकट भी पैदा हुआ है.

इन सबके बीच सरकार ने एसएमएस अस्पताल को 50 अतिरिक्त चिकित्सक मुहैया कराए हैं. इनमें 12 ने सोमवार से सेवाएं दी थी, शेष 38 मंगलवार से जुड़ रहे हैं. 

हड़ताल से सीनियर डॉक्टरों पर दबाव बढ़ा

जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल से सीनियर डॉक्टरों पर दबाव बढ़ा है. मेडिसिन डिपार्टमेंट के जूनियर स्पेशलिस्ट डॉ मनोज शर्मा बताते हैं कि मौसमी बीमारियों के कारण मरीजों की संख्या बढ़ी है. ऐसे में हड़ताल के कारण समस्याएं हो रही हैं. सरकार को अगर मांग जायज लग रही हैं तो इसका शीघ्र समाधान करना चाहिए, वहीं रेजिडेंट डॉक्टरों को भी संवेदनशीलता दिखाकर हड़ताल से काम पर वापस लौटना चाहिए ताकि मरीजों को परेशानी न हो. 

एसएमएस अस्पताल के अधीक्षक डॉ सुशील भाटी ने बताया कि उन्होंने हड़ताल से निपटने के लिए सभी सीनियर डॉक्टर को मोर्चे पर लगाया है. लेकिन क्योंकि रेजिडेंट डॉक्टरों के भरोसे कई तरह की जांच और दूसरी सेवाएं संचालित होती थीं तो वह प्रभावित हुई हैं. उन्होंने बताया कि इमरजेंसी सर्जरी यथावत चालू है. कुछ रूटीन सर्जरी टली है. पहले छह सर्जरी रूम संचालित थे, उसकी जगह अब 3 से 4 संचालित हैं. 

'काम पर नहीं लौटे तो होगी सख्त कार्रवाई'

उन्होंने कहा कि सरकार इस मामले को लगातार मॉनिटर कर रही है. अगर रेजिडेंट डॉक्टर अगले दो तीन दिन में काम पर नहीं लौटते तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी. हड़ताल के दिनों को उनकी छुट्टियों में से काटा जा सकता है. स्टाइपेंड कटौती भी की जा सकती है. और दूसरे सख्त एक्शन भी लिए जा सकते हैं. 

हमारी मांगे अहम, पीछे नहीं हट सकते

हालांकि सख्त कार्रवाई की चेतावनी का असर भी रेजिडेंट डॉक्टरों पर होता हुआ नहीं दिख रहा. वे अभी भी अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं. जार्ड के अध्यक्ष मनोहर सियोल कहते हैं कि सरकार और प्रशासन हमें पहले भी डराने का प्रयास कर चुका है. लेकिन हमारी मांगे काफी अहम हैं, हम इनसे पीछे नहीं हट सकते. हड़ताल से पहले हमने चेतावनी दी थी लेकिन प्रशासन ने लगातार हमें इग्नोर किया, इसलिए हम हड़ताल कर रहे हैं. अभी भी अगर प्रशासन हमारी बात सुनती है तो हम हड़ताल समाप्त कर देंगे.

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