
राजस्थान में अपराधियों के खिलाफ एक अलग तरह की कार्रवाई की गई है. झालावाड़ जिले में अपराधी, माफिया और ड्रग तस्करों के घरों और ठिकानों की बिजली काट दी गई है. राजस्थान में पुलिस ने इस तरह का यह पहला अभियान चलाया है. यह अभियान झालावाड़ में चलाया गया जिसका नाम ऑपरेशन ऊर्जा प्रहार रखा. यह झालावाड़ पुलिस और जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (JVVNL) का संयुक्त अभियान था.
कैसे बनी ऑपरेशन ऊर्जा प्रहार की योजना
झालावाड़ के पुलिस अधीक्षक अमित कुमार ने इस अभियान के बारे में बताया कि इसके तहत 371 हिस्ट्रीशीटर, खतरनाक अपराधियों, नशा माफिया और अन्य अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई की गई. इसके तहत इन अपराधियों के 660 घरों और ठिकानों पर छापे मारे गए और अवैध बिजली कनेक्शन काट दिए गए.
एसपी अमित कुमार ने बताया कि इस अभियान को चलाने का खयाल 12 सितंबर को नशे के कारोबार में लिप्त दो भाइयों के अवैध अतिक्रमण को ध्वस्त करने की प्रशासन की कार्रवाई से आया. इस कार्रवाई के दौरान पाया गया कि ये दोनों भाई अवैध बिजली कनेक्शन से अपना धंधा चला रहे थे. पुलिस ने इसके बाद पता लगाया कि ऐसे और भी बहुत सारे संदिग्ध अपराधी बिजली चोरी कर आपराधिक काम कर रहे थे.

पुलिस और बिजली विभाग की 48 टीमों ने मिलकर छापा मारा
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48 टीमों ने 7 ज़ोन में मारे छापे
झालावाड़ पुलिस ने इसके बाद डिस्कॉम अध्यक्ष आरती डोगरा से संपर्क किया. इसके बाद ऑपरेशन ऊर्जा प्रहार की योजना बनाई गई. इसके लिए जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के 170 कर्मचारियों की 48 टीमें बनाई गईं. उनके साथ 350 जिला पुलिस कर्मचारियों को लगाया गया. इसके बाद इन 370 हिस्ट्रीशीटर और अपराधियों के 660 ठिकानों पर छापे मारे गए और जांच की गई. इस अभियान के लिए पड़ोसी जिलों कोटा और बारां से भी एक दर्जन इंजीनियरों को बुलाया गया.
इस संयुक्त अभियान में झालावाड़ को 7 ज़ोन में बांट दिया गया. इसके बाद जांच की गई तो पाया गया कि ज़्यादातर जगहों पर हुक फंसाकर बिजली चुराई जा रही थी. कई औऱ जगहों पर दूसरे तरीकों से भी बिजली की चोरी हो रही थी. पुलिस अधीक्षक अमित कुमार ने बताया कि कार्रवाई में 1 करोड़ 20 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया.
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