बाजार को पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों के नतीजों का बेसब्री से इंतजार है. एक स्थिर राजनीतिक माहौल निवेशकों का विश्वास बढ़ा सकता है और बाजार को ऊंचा उठा सकता है. इसी के साथ आने वाले समय में राज्यों के परिणाम के साथ ही निवेशकों का रुझान भी राज्यों में बढ़ेगा.
वैश्विक बाजार इस समय बेहतरीन स्थिति में है. अमेरिका के 10-वर्षीय बॉन्ड का प्रतिफल और डॉलर सूचकांक में नरमी आने से बाजार को ताकत मिलती है. इन पर बारीकी से नजर रखी जाएगी क्योंकि इनमें बाजार की धारणा पर असर डालने की क्षमता होती है.
इसके अलावा घरेलू और वैश्विक व्यापक आर्थिक आंकड़े, वैश्विक शेयर बाजारों के रुझान, डॉलर के मुकाबले रुपये की चाल और कच्चे तेल भी बाजार का रुझान तय करेंगे. व्यापक आर्थिक मोर्चे पर इस सप्ताह कई अहम आंकड़े आने वाले हैं. सेवा क्षेत्र के लिए खरीद प्रबंधक सूचकांक (पीएमआई) की घोषणा मंगलवार को की जाएगी.
मास्टर कैपिटल सर्विसेज लिमिटेड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अरविंदर सिंह नंदा ने कहा, 'बाजार घरेलू और वैश्विक आर्थिक आंकड़ों, वैश्विक बॉन्ड प्रतिफल, कच्चे तेल के स्टॉक, डॉलर सूचकांक में उतार-चढ़ाव, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) और घरेलू संस्थागत निवेशकों की निवेश गतिविधियों पर प्रतिक्रिया देंगे.'
पिछले हफ्ते बीएसई के सूचकांक सेंसेक्स में 1,511.15 अंक यानी 2.29 प्रतिशत की उछाल रही जबकि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का सूचकांक निफ्टी 473.2 अंक यानी 2.39 प्रतिशत चढ़ गया. शुक्रवार को निफ्टी 134.75 अंक यानी 0.67 प्रतिशत चढ़कर 20,267.90 के सर्वकालिक उच्च स्तर पर बंद हुआ.
इसी तरह सेंसेक्स भी 492.75 अंक यानी 0.74 प्रतिशत चढ़कर 11 सप्ताह के उच्च स्तर 67,481.19 अंक पर बंद हुआ था. पिछले सप्ताह की तेजी में अनुकूल व्यापक आर्थिक आंकड़ों और विदेशी कोष की आवक बने रहने की अहम भूमिका रही.