Rajasthan News: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) के 'सच्ची आजादी' वाले बयान से पूरे देश में सियासी घमासान मचा हुआ है. भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के नेता आमने-सामने हैं और एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं. इस बीच राजस्थान भाजपा प्रदेश प्रभारी राधा मोहन दास अग्रवाल (Radha Mohan Das Agarwal) का भी बयान सामने आया है, जिसमें उन्होंने नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को 'मूर्ख' बताया है.
राधामोहन दास का ट्वीट
अग्रवाल ने एक्स पर मोहन भागवत और राहुल गांधी के बयान वाले दो वीडियो शेयर करते हुए लिखा, "कोई मूर्ख बात को जानबूझकर बदल कर निहायत घटिया मानसिकता के साथ तोड़ मरोड़ कर प्रस्तुत करे और आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत पर राष्ट्रद्रोह का आरोप लगाए तो वह सिर्फ राहुल गांधी ही हो सकता है. मैं इसकी घोर निंदा करता हूं." भाजपा के वरिष्ठ नेता ने यह ट्वीट बुधवार रात को लिखा था, जिसे खबर लिखे जाने तक 35 हजार से ज्यादा लोग देख चुके हैं.
कोई मूर्ख बात को जानबूझकर बदल कर निहायत घटिया मानसिकता के साथ तोड़ मरोड़ कर प्रस्तुत करे और @RSSorg के परमपूज्य सरसंघचालक @DrMohanBhagwat पर राष्ट्रद्रोह का आरोप लगाये तो वह सिर्फ @RahulGandhi ही हो सकता है
— Dr.Radha Mohan Das Agrawal (@AgrawalRMD) January 15, 2025
इसकी घोर निन्दा करता हू
@DattaHosabale @ArunKumRSS @KGopalRSS @AmitShah pic.twitter.com/84fZN5nBwS
क्या है पूरा विवाद?
बताते चलें कि आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत ने बीते दिनों कहा था कि राम मंदिर बनने के बाद भारत को सच्ची स्वतंत्रता मिली थी. इस पर राहुल गांधी ने कहा था कि मोहन भागवत ने जो कहा है वह राजद्रोह के समान है, क्योंकि उनका मतलब है कि अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई अवैध है, संविधान अवैध है. किसी दूसरे देश में तो अब तक उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाता और उन पर मुकदमा चलाया जाता. राहुल गांधी के बयान पर भाजपा नेता हमलावर हैं.
सचिन पायलट का बयानएक दिन पहले टोंक विधायक सचिन पायलट ने कहा था, "भारत के जिन लाखों लोगों ने अपनी शहादत देकर अंग्रेजों को खदेड़ा था, उस 15 अगस्त 1947 की आजादी को अगर आप आजादी दिवस नहीं मानेंगे तो कब मानेंगे? देश की आजादी में सबका योगदान था. ऐसे में अलग-अलग धर्म-जाति की बात करना सही नहीं है. देश की आजादी के संग्राम में भारतीय जनता पार्टी और उसके सहयोगी दलों को कोई योगदान नहीं था. वहीं कांग्रेस के पास स्वतंत्रता संग्राम के दौरान किए गए बलिदानों का इतिहास है. जिसने कुछ खोया नहीं, जिसने शहादत नहीं दी, जिसने अपने परिवार को नहीं खोया, जो जेलों में नहीं गए, वो इस देश की आजादी को समझ नहीं सकते. इसीलिए उनको आजादी के अलग-अलग दिन दिखाई देते हैं. देश को आजादी भारत के लोगों ने दिलाई थी. महात्मा गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी ने दिलाई थी. लेकिन जब कोई व्यक्ति जेल नहीं गया या कोई बलिदान नहीं दिया तो वह समझ नहीं सकता कि स्वतंत्रता का मतलब क्या है.'
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