
Rajasthan Weather: मौसम विभाग ने राजस्थान के 7 जिलों में ऑरेंज अलर्ट और 8 जिलों में येलो अलर्ट जारी किया है. भरतपुर, धौलपुर, करौली, बारां भीलवाड़ा, अलवर, दौसा में ऑरेंज अलर्ट जारी कियाा है. इन जिलों के कुछ स्थानों पर मेघ गर्जन के साथ मध्यम से तेज बारिश का दौर होने और कहीं-कहीं भारी बारिश होने की प्रबल संभावना है. जयपुर दौसा, सवाई माधोपुर टॉक, वांसवाड़ा, कोटा, जालौर, सिरोही में येलो अलर्ट जारी किया है. इन जिलों में मेघगर्जन के साथ कहीं-कही हल्की से मध्यम वर्षा होने की संभावना है.
अजमेर में 7 दिनों से जल भराव की स्थिति
अजमेर में लगातार बारिश हो रही है. पिछले 7 दिनों से जल भराव की स्थिति बनी हुई है. लोगों का जनजीवन अस्त-व्यस्त नजर आ रहा है. अभी तक पीसांगन और केकड़ी में दो व्यक्तियों की बरसाती पानी में बहने से मौत हो चुकी है. अजमेर प्रभारी ने जल भराव क्षेत्र का निरीक्षण किया. जिले में बाढ़ एवं आपदा से निपटने के लिए प्रभारी सचिव नवीन जैन अधिकारियों की समीक्षा बैठक ली गई. जिला कलक्टर लोक बंधू ने प्रशासन द्वारा किए गए कामों से अवगत कराया.
— मौसम विज्ञान केंद्र जयपुर (@IMDJaipur) September 10, 2024
बारिश और राहत-बचाव करने के निर्देश
प्रभारी सचिव नवीन जैन ने जिले में अतिवृष्टि के कारण जल भराव के संबंध में अधिकारियों के साथ चर्चा की. अजमेर शहर में आनासागर, फॉयसागर, खानपुरा और चौरासियावास के अतिरिक्त जिले के अन्य बडे़ तालाबों और बांधों में जल स्तर के बारे में जानकारी ली. किसी भी स्थान पर जल रिसाव और पाल टूटने से पहले ही आवश्यक उपाय करने के निर्देश किए. जिले में अब तक हुई बारिश और पूर्व की औसत वर्षा की तुलना के आधार पर बचाव कार्य करने के निर्देश दिए.
कॉलोनियों में पानी भरने से लोग परेशान
पुरानी चौपाटी, सागर विहार, वन विहार, मांगीलाल साहू का कुआं, गुलमोहर पाल, काला बाग, गुलाब बाग, शिवाजी उद्यान, ब्रह्मापुरी, आम का तालाब, पाल-बीछला, ईश्वर बस्ती, माखुपुरा चौराह, हरिजन बस्ती, यादव बस्ती, सुंदर विहार कॉलोनी और एचएमटी सहित समस्त स्थानों पर भरे बारिश के पानी की निकासी सुनिश्चित करने को कहा. उन्होंने कहा कि जमा मिट्टी, झाडियां, पौधे, प्लास्टिक जैसी सामग्री को लगातार पेशेवर तरीके से हटाते रहें. प्रवाह में किसी प्रकार का अवरोध नहीं रहना चाहिए.
डेंगू और मलेरिया का भी खतरा
आबादी क्षेत्रों से पानी उतरने के बाद एंटी लारवा एक्टिविटी करें. डेंगू और मलेरिया जैसी मौसमी बिमारी होने से क्षेत्रा में फोगिंग भी की जाए. घर-घर सर्वे के लिए नियुक्त टीमों के प्रभारियों के साथ प्रतिदिन सायं को बैठक लेकर कार्य की समीक्षा करें.
भाई सागर झील पर खतरे की घंटी
प्रभारी सचिव नवीन जैन ने कहा कि फॉयसागर झील सहित बडे़ जल स्त्रोतों पर 24 घंटे निगरानी तंत्र शुरू होना चाहिए. आपात स्थिति के लिए पर्याप्त मिट्टी के कट्टे जल स्त्रोत के पास रखें. साथ ही कलस्टर बनाकर अतिरिक्त कट्टे भी तैयार कर एक स्थान पर रखवाएं. आवश्यकता पड़ने पर किसी भी स्थान पर उनका उपयोग किया जा सके. कट्टों के संग्रहण स्थल और जल स्त्रोतों के मध्य दूरी कम हो और वहां तक आवागमन के लिए मोटरेबल सड़क होनी चाहिए.
अजमेर जिले के बांधों में पानी की स्थित
संसाधन विभाग के अनुसार अजमेर के आनासागर में 13 (ऑवर फ्लो), फॉयसागर में 26.9 (ऑवर फ्लो), रामसर में 10.2 तथा गोविन्दगढ में 2.35 (ऑवर फ्लो) मीटर पानी है. इसी प्रकार बूढ़ा पुष्कर में 7, खानपुरा तालाब में 10.6, चौरसियावास में 6.6, छोटा तालाब चाट किशनगढ़ में 10.1, लाखोलाव हनुतिया में 11, भीमसागर तिहारी में 13.6, खीरसमन्द रामसर में 5.6, मदनसागर डीडवाडा में 12.5, रणसमन्द नयागांव में 12.2, पुष्कर में 26.1, कोडिया सागर अरांई में 9.5, सुख सागर सिरोंज में 6, जवाहर सागर सिरोंज 8.2, सुरखेली सागर अरांई में 8.5, विजयसागर लाम्बा में 10.5, किशनसागर गागून्दा में 9.9 फीट तथा नया सागर मोठी में 1.20 मीटर पानी है.
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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)