विज्ञापन

गजेंद्र सिंह शेखावत फोन टैपिंग मामले में आया नया मोड़, लोकेश शर्मा सहित कईयों की बढ़ेगी मुश्किलें

केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत द्वारा दिल्ली क्राइम ब्रांच में दर्ज 2020 के फोन टैपिंग मामले में मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट के फैसले से नया मोड़ आ गया है.

गजेंद्र सिंह शेखावत फोन टैपिंग मामले में आया नया मोड़, लोकेश शर्मा सहित कईयों की बढ़ेगी मुश्किलें
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और पूर्व सीएम अशोक गहलोत.

Gajendra Singh Shekhawat Phone Tapping case: केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के कथित फोन टैपिंग मामले में मंगलवार को नया मोड़ आया है. सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को इस मामले में राजस्थान की भजनलाल सरकार द्वारा दायर याचिका को मंजूर कर लिया. सुप्रीम कोर्ट में यह मामला प्रदेश की पूर्ववर्ती गहलोत सरकार के समय दर्ज किया गया था. तब गहलोत सरकार ने गजेंद्र सिंह शेखावत के फोन टैपिंग से जुड़े मामले में दिल्ली पुलिस को राजस्थान में जांच से रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी.

दिल्ली क्राइम ब्रांच अब फिर शुरू करेगा जांच

लेकिन पिछले साल राज्य में सत्ता बदलने के बाद भजनलाल सरकार ने 20 जुलाई को गहलोत के समय दायर याचिका को रद्द करने की मांग की थी. जिसे मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने मंजूरी दे दी. इस याचिका की मंजूरी के साथ ही अब इस केस में दिल्ली क्राइम ब्रांच द्वारा जांच फिर से शुरू किए जाने का रास्ता खुल गया है. 

गहलोत के ओएसडी रहे लोकेश सहित कई की बढे़गी मुश्किलें

राजस्थान के अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा की सलाह पर राज्य सरकार ने याचिका दायर की थी. सुप्रीम कोर्ट द्वारा भजनलाल सरकार की याचिका को मंजूर किए जाने के बाद अब इस मामले में नए सिरे से दिल्ली क्राइम ब्रांच जांच शुरू करेगी. ऐसे में इस मामले में पूर्व सीएम अशोक गहलोत के ओएसडी रहे लोकेश शर्मा सहित कई लोगों की मुश्किले बढ़ेगी. 

शेखावत ने दिल्ली क्राइम ब्रांच में दर्ज कराया था मुकदमा

मालूम हो कि अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली राजस्थान की पिछली सरकार के समय यह केस दर्ज हुई थी. तब इस मामले में खूब सियासी आरोप-प्रत्यारोप के दौर चले थे. गजेंद्र सिंह शेखावत ने राजस्थान की गहलोत सरकार के खिलाफ दिल्ली क्राइम बांच में मुकदमा दर्ज कराया था. जिसमें उन्होंने गैरकानूनी तरीके से फोन टैपिंग कराने की बात कही थी. शेखावत ने इस मामले दिल्ली क्राइम ब्रांच में एफआईआर कराई थी. 

गहलोत सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दी थी याचिका

शेखावत द्वारा दर्ज कराए गए एफआईआर के खिलाफ गहलोत सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करते हुए कहा था कि राजस्थान के मुक़दमे में जांच करने का अधिकार राजस्थान ही रखा जाए. प्रकरण में दिल्ली क्राइम ब्रांच को जाँच करने का अधिकार नहीं है. इस मामले में एक-दो सुनवाई हुई. लेकिन 2023 के चुनाव के बाद राज्य में कांग्रेस सत्ता से बाहर हो गई. 

जिसके बाद भजनलाल सरकार ने दिल्ली क्राइम ब्रांच की जाँच को रोकने के लिए राज्य सरकार की ओर से लगायी गई याचिका को वापस लेने की अर्जी लगाई. जिसे सुप्रीम कोर्ट ने मंज़ूरी दे दी है.  


लोकेश शर्मा से पहले भी हो चुकी पूछताछ

इस मामले में दिल्ली क्राइम ब्रांच ने कई दफ़ा पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के OSD लोकेश शर्मा से पूछताछ कर चुकी
है. याचिका वापस लेने के बाद अब दिल्ली क्राइम ब्रांच की जाँच में फिर से तेज़ी आएगी. ऐसे में लोकेश शर्मा सहित फोन टैपिंग मामले के अन्य किरदारों से भी जांच शुरू होगी.

सरकार की दलील- जांच और केस का अधिक राजस्थान के पास

फ़ोन टैपिंग इस मामले में राजस्थान सरकार की दलील थी की भारतीय दंड संहिता, भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम और आईटी की विभिन्न धाराओं के तहत दिल्ली अपराध शाखा द्वारा दर्ज एफआईआर संख्या 50/2021 से संबंधित कथित अपराधों की जांच और मुकदमा चलाने का अधिकार केवल राजस्थान के पास है.

एजी ने दिया तर्क- मुकदमेबाजी से कोर्ट का समय बर्बाद होगा

कई सुनवाइयों के बावजूद, सर्वोच्च न्यायालय में इस संबंध में कोई अंतरिम आदेश पारित नहीं किया गया था. अतिरिक्त एजी शिव मंगल शर्मा ने मामले की जांच के बाद राजस्थान सरकार को मुकदमा वापस लेने की सलाह दी थी. उनकी राय में इस बात पर जोर दिया गया कि मुकदमेबाजी जारी रखने से अदालत का बहुमूल्य समय बर्बाद होगा.

सुप्रीम कोर्ट के फैसले से मामले का हुआ पटाक्षेप

नतीजतन, सिविल प्रक्रिया संहिता के आदेश 23 नियम 1 के तहत आवेदन दायर किया गया, जिसमें मुकदमा वापस लेने की अनुमति मांगी गई. सुप्रीम कोर्ट ने तथ्यों और परिस्थितियों पर विचार करने के बाद याचिका को स्वीकार कर लिया और मामले का पटाक्षेप हो गया है.

2020 में सामने आया था फोन टैपिंग मामला

राजस्थान में साल 2020 में पूर्व की अशोक गहलोत की सरकार में फोन टैपिंग (Rajasthan Phone Tapping Case)का मामला सामने आया था. फोन टैपिंग मामले में गजेंद्र सिंह शेखावत और अशोक गहलोत आमने-सामने थे. जिसमें गजेंद्र सिंह शेखावत ने साल 2021 में दिल्ली हाई कोर्ट में अशोक गहलोत और उनके उस वक्त के OSD लोकेश शर्मा के खिलाफ मामला दर्ज करवाया था.

दिल्ली पुलिस जांच करने आई थी राजस्थान

उस वक्त केस दर्ज होने के बाद दिल्ली पुलिस की टीम राजस्थान में जांच करने आई थी जिसे राज्य सरकार द्वारा रोका गया था. वहीं इस जांच को रोकने के लिए अशोक गहलोत की सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी. जिस पर आज तक सुनवाई नहीं हो सकी. 

यह भी पढ़ें - फोन टैपिंग मामले में राजस्थान सरकार हुई सक्रिय, अशोक गहलोत को घेरने की बना रही यह रणनीति

Rajasthan.NDTV.in पर राजस्थान की ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें. देश और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं. इसके अलावा, मनोरंजन की दुनिया हो, या क्रिकेट का खुमार, लाइफ़स्टाइल टिप्स हों, या अनोखी-अनूठी ऑफ़बीट ख़बरें, सब मिलेगा यहां-ढेरों फोटो स्टोरी और वीडियो के साथ.

फॉलो करे:
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Previous Article
"सीएम साहब मेरे घर आइए चूरमा खाकर जाइए", भजनलाल से युवक बोला- मेरी मां ने आपको बुलाया है 
गजेंद्र सिंह शेखावत फोन टैपिंग मामले में आया नया मोड़, लोकेश शर्मा सहित कईयों की बढ़ेगी मुश्किलें
Alliance Air Flight from Bikaner to Delhi via Jaipur starts, will operate 3 days a week
Next Article
खुशखबरी! बीकानेर से दिल्ली वाया जयपुर फ़्लाइट शुरू, हफ्ते में 3 दिन होगी संचालित; जानें टाइमिंग
Close