
Sirohi News: सिरोही जिले के आबू की गोद में बसा एक छोटा सा गांव मिनी ब्राजील कहलाता है. यहां के कई खिलाड़ी राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर जिले का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं. इस गांव का नाम है उडवारिया. इस गांव के कई युवा फुटबॉल खेलने में माहिर हैं. शारीरिक शिक्षक रतन सिंह कुमावत के आने के बाद वर्ष 2004 में यहां इस खेल की शुरुआत हुई. वर्ष 2007 में पहली बार यहां की टीम फुटबॉल अंडर-14 में चैंपियन रही माउंट आबू की टीम को हराकर विजेता बनी थी, जहां उसने बांसवाड़ा में सिरोही का प्रतिनिधित्व किया था.
2023 में भी बनी चैंपियन
कोरोना काल के बाद वर्ष 2021 से लगातार कई बार उडवारिया की फुटबॉल टीम चैंपियन बनी रही. साथ ही पिछले सत्र 2023 में अंडर 19 बालिका वर्ग में कुल चार टीमों ने भाग लिया था. जिसमें चारों में वह विजेता रही. इस वर्ष भी यहां से दो टीमों ने भाग लिया था. और दोनों टीमें पूरे प्रतियोगिता में जिले में चैंपियन रही हैं. दोनों टीमों से इसके 14 खिलाड़ी राज्य स्तर पर खेल चुके हैं.
सुपर-8 में रही छठे स्थान पर
इस वर्ष 2025 में उडवारिया अंडर-19 में चैंपियन बनी तथा सीकर में राज्य स्तर पर जिले का प्रतिनिधित्व किया. इस मैच में 52 टीमों ने भाग लिया था. इनमें से सिरोही ने सुपर-8 में प्रवेश लेकर छठा स्थान प्राप्त किया.

उडवारिया की फुटबॉल टीम
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राजस्थान लीग में उडवारिया के मुकेश चौधरी रहे टॉप स्कोरर
राजस्थान में हर साल होने वाली राजस्थान लीग डिवीजन ए में उडवारिया के राष्ट्रीय खिलाड़ी मुकेश चौधरी टॉप स्कोरर रहे. मुकेश चौधरी का खेल कोटे से पुलिस भर्ती में सीधा चयन हुआ था, लेकिन खेल में आगे खेलने के लिए पुलिस सेवा में नहीं गए. इसके अलावा उडवारिया की फुटबॉल टीम के पूर्व राष्ट्रीय खिलाड़ी भावेश चौधरी राजस्थान लीग में सनराइज फुटबॉल क्लब में भी खेलते हैं, जिसके माध्यम से सिरोही के कई खिलाड़ियों को इस लीग में खेलने का मौका मिला है.
भामाशाह करते है सहयोग
उडवारिया स्कूल के अधिकांश खिलाड़ी गरीब वर्ग से आते हैं, इसलिए उनके किट ग्रुप के राज्य स्तर पर खड़े होने और खेलने के लिए गांव के समाजसेवी भामाशाह लोग धन एकत्रित कर उनकी मदद करते हैं.
100 किलो ग्रेनाइट से बनाया फुटबॉल
ग्रामीणों में फुटबाल की दीवानगी इस कदर है की इन्होंने गुरु दक्षिणा के रूप में उडवारिया स्कूल के सामने1०० किलोग्राम की ग्रेनाएट की फुटबाल बनाकर पंचायत द्वारा तैयार स्कूल सर्कल पर लगाई है.
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