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Rajasthan: झूठे लोन के नाम पर युवक और युवती ने की 20.65 लाख की ठगी, बिहार और यूपी के शातिर अपनाते थे यह तरीका

राजस्थान के बारां जिले में लोन के नाम पर 20 लाख 65 हजार रुपये की ठगी की गई. वहीं इस मामले में अंतर्राज्यीय गैंग के एक युवक और युवती को गिरफ्तार किया गया है.

Rajasthan: झूठे लोन के नाम पर युवक और युवती ने की 20.65 लाख की ठगी, बिहार और यूपी के शातिर अपनाते थे यह तरीका
लोन की ठगी करने वाले युवक-युवती गिरफ्तार

Rajasthan Fake Loan: राजस्थान में इन दिनों साइबर ठगी, नौकरी के नाम पर ठगी और लोन के नाम पर ठगी धड़ल्ले से कर रहे हैं. अब नया मामला राजस्थान के बारां जिले से आया है जहां लोन के नाम पर 20 लाख 65 हजार रुपये की ठगी की गई. वहीं इस मामले में अंतर्राज्यीय गैंग के एक युवक और युवती को गिरफ्तार किया गया है. बताया जाता है कि गिरोह फर्जी लोन के अप्रूवल के नाम पर लोगों को फंसाया जाता था और उनसे पैसे ऐंठे जाते थे. वहीं आरोपी युवक और युवती यूपी और बिहार के शातिर हैं.

बताया जा रहा है कि आरोपी युवती खुद को आदित्य बिड़ला फाइनेंस की कर्मचारी बताकर लोगों से दस्तावेज लेकर झूठा लोन अप्रूवल भेजकर अलग-अलग चार्ज के नाम पर पैसे ऐंठते थे. आरोपीयों की गैंग उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में फर्जी लोन ऑफिस से लोगों को झूठे ऑफर देकर चूना लगाते थे. आरोपी सोनी खातून उर्फ टीया खान बिहार और देवांश सक्सेना यूपी गाजियाबादका रहने वाला है. पूछताछ में आरोपियों ने कई लोगों से ठगी की बात स्वीकार की है.

10 लाख के लोन के चक्कर में 20 लाख ठगा गया

पुलिस अधीक्षक बारां राज कुमार चौधरी ने बताया कि फरियादी देवीशंकर नागर निवासी फतेहपुर जिला बारां ने साईबर पुलिस थाना बारां में जून 2022 में मामला दर्ज कराया था कि मुझे आदित्य बिरला कैपिटल की महिला कर्मचारी बनकर अन्य बैंकों की तुलना में कम ब्याज दर पर लोन स्वीकृत कराने का ऑफर दिया. वहीं मेरे सभी पर्सनल दस्तावेज प्राप्त कर लोन अप्रुवल लेटर जरिये ईमेल भिजवाया. शुरूआत में मुझे फाईल चार्ज के नाम पर कुछ रुपये डलवाये. इसके बाद मुझे बताया कि आपका 1070000 रुपये का लोन पास हो गया है. मुझसे लोन क्लियरेन्स व अन्य चार्ज के नाम पर 2 लाख 50 रुपये की राशि और डलवाई. इसके बाद ECS और अन्य चार्ज के नाम पर अलग-अलग यूपीआई नम्बरों पर राशि डलवाई. इसके बाद अन्य बैंक अधिकारी पुनित, विकास और अन्य लोगों ने लोन की फाइल कैंसिल कराने और धनराशि वापस लौटाने के बहाने अलग-अलग चार्ज बताकर लगभग 12 लाख 50 हजार रुपये किश्तो में डलवा लिये. मुझे मेरे साथ ठगी होने का पता चला तब तक 2065226 रुपये की ठगी हो चुकी थी. 

इस प्रकार मेरे साथ मेघा माला, सिबु कोमल, सचिन एंव पुनीत नाम के फर्जी बैंक अधिकारी बनकर षड्यन्त्र पूर्वक मुझे अपने झांसे में फंसाकर मेरे साथ फोन और वाट्सअप के माध्यम से सम्पर्क कर अलग-अलग यूपीआई नम्बरों पर धोखाधडी करके कुल 2065226 रूपये की ठगी कर ली.

शिकायत के बाद शुरू हुई छानबीन 

मामला साईबर अपराध से सम्बन्धित होने और अपराध धारा 420, 120बी भा.द.स. और 66डी आईटी एक्ट का घटित होना पाया जाने पर पुलिस थाना साईबर क्राईम बारां पर प्रकरण संख्या 10/2023 दर्ज कर अनुसंधान प्रारम्भ किया गया. जहां पुलिस टीम ने फरियादी के बैंक खाते एवं आरोपीयों के बैंक खातो की डिटेल प्राप्त की गई तथा तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर प्रकरण दर्ज होने के बाद अनुसंधान के दौरान फरियादी के बैंक खाते एवं आरोपीयों के बैंक खातो की डिटेल प्राप्त की गई. 

तकनीकी साक्ष्य और गोपनीय जानकारी से विकास कुमार, पुनित कुमार, देवांश सक्सेना, संजीव सक्सेना निवासी गाजियाबाद उत्तरप्रदेश सोनी खातून उर्फ टिया खान निवासी सिवान बिहार द्वारा फर्जी बैंक अधिकारी बनकर परिवादी देवीशंकर नागर से लोन दिलाने का झांसा देकर ठगी करना पाया जाने पर आरोपीयों को गिरफ्तार किया गया.

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