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This Article is From Dec 27, 2023

डबल इंजन की सरकार बनते खुले ERCP के दरवाजे, गजेंद्र सिंह शेखावत की पहल पर राजस्थान-मध्य प्रदेश में बनी सहमति

ERCP Project: पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना Eastern Rajasthan Canal Project (ERCP) पर राजस्थान और मध्य प्रदेश के बीच सहमति बन गई है. बुधवार को राजस्थान, मध्य प्रदेश और केंद्र सरकार के अधिकारियों की इस मुद्दे पर अहम बैठक हुई. जिसमें ईआरसीपी को पीकेसी नदी जोड़ो योजना से लिंक करने पर चर्चा हुई.

डबल इंजन की सरकार बनते खुले ERCP के दरवाजे, गजेंद्र सिंह शेखावत की पहल पर राजस्थान-मध्य प्रदेश में बनी सहमति
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की पहल पर ERCP के लिए राजस्थान और मध्य प्रदेश में बनी सहमति.

ERCP Project: पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों के लिए महत्वपूर्ण पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना Eastern Rajasthan Canal Project (ERCP) पर राजस्थान और मध्य प्रदेश के बीच सहमति बन गई है. बुधवार को केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की पहल पर दिल्ली में राजस्थान, मध्य प्रदेश और केंद्र सरकार के अधिकारियों की इस मुद्दे पर अहम बैठक हुई. जिसमें ईआरसीपी को पीकेसी नदी जोड़ो योजना से लिंक करने पर चर्चा हुई. दोनों राज्यों और केंद्र सरकार के अधिकारियों के बीच हुई बातचीत सकारात्मक रही. ईआरसीपी को अब नदी जोड़ो प्रोजेक्ट में शामिल करते हुए इसे राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने की तैयारी है.

दरअसल पार्वती, कालीसिंध और चंबल नदी जोड़ने के प्रोजेक्ट में ईआरसीपी को शामिल किया जाएगा. बुधवार को हुई बैठक ईआरसीपी के ड्राफ्ट MOU के हुई. जनवरी में ड्राफ्ट तैयार होगा. मार्च 2024 तक एमओयू पर साइन होने के बाद यह काम आगे बढ़ेगा. 

ईआरसीपी राजस्थान का बड़ा चुनावी मुद्दा

बताया गया कि इस मॉडल से ईआरसीपी को एक तरह से राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा मिल जाएगा. इसके बाद इस परियोजना पर खर्च होने वाली भारी-भरकम लागत का करीब 90 फीसदी पैसा केंद्र सरकार देगी. मालूम हो कि ईआरसीपी राजस्थान का बड़ा मुद्दा है. चुनाव के समय भी इस मु्द्दे पर खूब राजनीति हुई थी. कांग्रेस का आरोप था कि केंद्र सरकार ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना घोषित नहीं कर रही है. जबकि भाजपा की ओर से वसुंधरा राजे ने कहा था कि ईआरसीपी पर हमने जो काम किया, वही हुआ. गहलोत सरकार ने बेवजह इसकी अटकाई रखी. 

चुनावी जीत के बाद वादों को पूरा करने में जुटी भाजपा

चुनाव में मिली जीत के बाद अब राजस्थान में भाजपा की नई सरकार तेजी से अपने चुनावी वायदों को पूरा करने में जुटी है. पेपर लीक मामले में एसआईटी का गठन, अपराध पर कंट्रोल के लिए एंटी गैगस्टर टीम का गठन, एक जनवरी से 450 रुपए में गैस सिलेंडर देने की घोषणा के बाद अब सालों से लंबित चल रहे ईआरसीपी परियोजना के रास्तों की अड़चनें दूर हो रही है. 

2017 के डीपीआर में 37,247 करोड़ थी लागत राशि

2017 में राजस्थान सरकार की ओर से पेश किए गए डीपीआर के अनुसार ईआरसीपी के लिए 37,247 करोड़ रुपए की लागत राशि बताई गई थी. यह लागत राशि 2014 के हिसाब से तय हुई थी. अब इसकी लागत और बढ़ गई होगी. ईआरसीपी के मुद्दे पर दोनों राज्यों में बनी सहमति के बाद अब राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और मध्यप्रदेश के सीएम मोहन यादव आपस में बैठक कर फाइनल रूपरेखा तैयार करेंगे. इसके बाद ईआरसीपी को लेकर फाइनल एमओयू साइन होगा.

राजस्थान के इन 13 जिलों को मिलेगा पानी

ईआरसीपी से पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों को पीने और सिंचाई का पानी मिलेगा. करीब दो लाख हेक्टेयर में सिंचाई होगी. इन जिलों में जयपुर, अलवर, भरतपुर, करौली, दौसा, सवाई माधोपुर, टोंक, अजमेर, कोटा, बारां, झालावाड़, धौलपुर और बूंदी शामिल हैं. इस जिलों में इस बार के चुनाव में भाजपा को बढ़त मिली है. ऐसे में अब भाजपा इन जिलों के लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने की ओर बढ़ रही है. 

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