
Rajasthan News: राजस्थान का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा? इस वक्त हर शख्स के जहन में यही सवाल घुम रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले ही अपने एक भाषण में किसी राजस्थानी को ही सीएम बनाए जाने का इशारा दे चुके हैं. ऐसे में भारतीय जनता पार्टी के अंदर हलचल तेज हो गई है. राजनीतिक गलियारों में ये भी चर्चा है कि बीजेपी इस बार किसी नए चेहरे को मौका दे सकती है. इसी बीच राजस्थान मुख्यमंत्री की रेस में एक बड़े नाम की एंट्री हो गई है.
सूत्रों के मुताबिक, राजस्थान में केंद्रीय रेल मंत्री अश्निणी वैष्णव का नाम सीएम की रेस में सबसे आगे चल रहा है. वैष्णव के अलावा लोकसभा स्पीकर ओम बिरला और केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत का भी नाम आ रहा है. हालांकि इसके बाद भी पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के सीएम की रेस से बाहर होने के सवाल पर पार्टी ने साफ इनकार नहीं किया है. नेताओं का कहना है कि पार्टी जो भी मौका देगी उसके वो तैयार हैं. वसुंधरा राजे इस समय दिल्ली में हैं. पार्टी हाईकमान के बुलावे पर वे दिल्ली गई हैं, जिसके बाद से ही प्रदेश में सियासी सरगर्मियां बढ़ गई हैं.
डीएम से मुख्यमंत्री का सफर!
राजस्थान के जोधपुर शहर में जन्में अश्विनी वैष्णव ओडिशा कैडर के आईएएस अधिकारी रहे हैं. उन्होंने 2003 तक बालासोर और कटक जिलों में कलेक्टर के रूप में भी कार्य किया है. इसके बाद उन्हें पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यालय (PMO) में उप सचिव के रूप में नियुक्त किया गया. इस दौरान उन्होंने वाजपेयी के निजी सचिव के रूप में भी जिम्मेदारी निभाई. IIT कानपुर से पढ़ाई कर चुके वैष्णव 2008 में पेन्सिलवेनिया यूनिवर्सिटी के व्हार्टन स्कूल से एमबीए करने के लिए अमेरिका चले गए. इसके बाद 2010 में उन्होंने सिविल सर्विस छोड़ दी और बाद में पॉलिटिक्स ज्वाइन कर ली. केंद्र में कैबिनेट मंत्री होने के नाते उन्होंने अपने काम से शीर्ष नेतृत्व को प्रभावित किया. उनकी साफ-सुथरी और जमीन से जुड़े नेता होने की छवि है.
वैभव को पटखनी देने वाले गजेंद्र
2019 के लोकसभा चुनाव में सीएम अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत को पटखनी देने वाले केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत का नाम भी सीएम की रेस में आगे चल रहा है. शेखावत अपने विवादास्पद बयानों के लिए जाने जाते हैं. हाल ही में उनका नाम कथित संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव घोटाले में आया था, जिसके बाद उन्होंने सीएम गहलोत पर मानहानि का केस भी दर्ज कराया था. इसके अलावा अशोक गहलोत सरकार को जब गिराए जाने की कोशिश करने के आरोप लगे तो शेखावत विवादों में आए और उनकी कांग्रेस नेता भंवरलाल शर्मा से बातचीत की तथाकथित ऑडियो सीडी क्लिप का प्रकरण बहुत चर्चा में रहा था. राजनीतिक करियर पर गौर करें तो गजेंद्र सिंह शेखावत जोधपुर के जयनारायण विश्वविद्यालय के छात्र संघ अध्यक्ष रह चुके हैं और उनकी पहचान वहां के एक कामयाब और तेज तर्रार वादी के रूप में रही है. वे कई बार अपने बेहतर कामों से पीएम मोदी का ध्यान अपनी ओर खींच चुके हैं.
पर्यवेक्षकों के नाम का ऐलान
राजस्थान के मुख्यमंत्री चयन के लिए भाजपा ने तीन पर्यवेक्षकों (BJP Observers for Rajasthan) के नाम का ऐलान कर दिया है. प्रदेश के नए मुख्यमंत्री के चयन के लिए भाजपा के तीनों नेता जयपुर आएंगे. यहां नव निर्वाचित विधायकों और पार्टी नेताओं से बातचीत के बाद ये अगले मुख्यमंत्री के नाम की सिफारिश आलाकमान से करेंगे. पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट के आधार पर भाजपा प्रदेश में अगला सीएम बनाएगी. राजस्थान के मुख्यमंत्री चयन के लिए भाजपा द्वारा नियुक्त किए गए पर्यवेक्षकों में केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विनोद तावड़े और सरोज पांडेय हैं. जो जयपुर आकर विधायकों से बात कर नए सीएम के नाम का चयन करेंगे.