
राजस्थान में मुख्यमंत्री आयुष्मान दुर्घटना बीमा योजना का लाभ उठाने के लिए फर्जी दस्तावेज जमा करने का मामला सामने आया है. जांच में मर्ग रिपोर्ट और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट फर्जी पाई गई है. इस संबंध में राज्य बीमा एवं प्रावधायी निधि विभाग, भरतपुर के संयुक्त निदेशक गौरव कुमार की शिकायत पर वैर थाने में मामला दर्ज कराया गया है. पुलिस इस मामले की जांच कर रही है.
पोस्टमार्टम की गलत रिपोर्ट लगाई
संयुक्त निदेशक गौरव कुमार के अनुसार, भरतपुर निवासी पारो देवी ने अपने पति किशोरीलाल सैनी की मृत्यु के बाद योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन किया था. आवेदन में उन्होंने मर्ग रिपोर्ट और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट संलग्न की थी. दस्तावेजों पर संदेह होने पर विभाग ने जांच कराई, जिसमें पाया गया कि मर्ग रिपोर्ट और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट दोनों ही फर्जी हैं.
थाने में कोई मर्ग रिपोर्ट दर्ज नहीं थी
पारो देवी ने 19 नवंबर 2024 को वैर थाने में यह रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उनके पति की मौत 18 नवंबर को एक सड़क दुर्घटना में हुई थी. लेकिन जांच में सामने आया कि वैर थाने में इस नाम से कोई मर्ग रिपोर्ट दर्ज ही नहीं है, और न ही रिपोर्ट में उल्लेखित जांच अधिकारी वहां पदस्थापित हैं.
दूसरे व्यक्ति के पोस्टमार्टम रिपोर्ट का केस नंबर दिया
इसके अलावा, पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट जयपुर के एसएमएस अस्पताल की बताई गई थी, लेकिन रिपोर्ट में जो केस नंबर दिया गया वह किसी अन्य व्यक्ति से संबंधित निकला. इससे यह स्पष्ट हुआ कि दस्तावेज फर्जी हैं. विभाग ने आवेदन को खारिज कर दिया और पारो देवी समेत अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करा दिया गया. इस मामले में ई-मित्र संचालक की भूमिका पर भी शक जताया जा रहा है. वैर थाना पुलिस मामले की गहन जांच कर रही है.
यह भी पढ़ें: थाने में युवक की मौत, अब पत्नी को मिलेगी नौकरी और 23.26 लाख रुपए