
Jaisalmer News: जैसलमेर के लोग एक बार फिर ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं. फ्लाइट कंपनियों की मनमानी के चलते पीक सीजन में 13 मार्च से जैसलमेर सिविल एयरपोर्ट वीरान हो जाएगा. फिलहाल जयपुर, दिल्ली और मुंबई के लिए हवाई सेवाएं संचालित की जा रही हैं. लेकिन इंडिगो (Indigo Airlines) का शेड्यूल 12 मार्च तक ही है.वहीं 14 तारीख को होली (Holi 2024) है. इसके बाद इंडिगो ऑनलाइन बुकिंग नहीं ले रही है. एयरलाइन कंपनी ने अभी तक इस संबंध में कोई घोषणा नहीं की है.
12 मार्च के बाद इन राज्यों में इंडिगो की उड़ानें नहीं चलेंगी
12 मार्च को आखिरी फ्लाइट होगी संचालित
फ्लाइट कम्पनियों की मनमानी के कारण पर्यटन उद्योग और जैसलमेर के लोग हवाई सेवाओं से वंचित हो रहे हैं. हालांकि इस साल इंडिगो ने पीक पर्यटन सीजन में यहां से जयपुर, दिल्ली, मुंबई के लिए फ्लाइट शुरू की थी, लेकिन होली से पहले 12 मार्च को आखिरी फ्लाइट संचालित की जाएगी और होली व ऑफ सीजन में एक भी फ्लाइट संचालित नहीं करने का निर्णय लिया गया है. इस बारे में पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोगों का कहना है कि होली जैसलमेर का बड़ा त्योहार है. इस दौरान यहां बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं, लेकिन त्योहार के मौके पर फ्लाइट बंद करना पर्यटन के लिए घाटे का सौदा है.
पर्यटन सीजन में 4 महीने तक उड़ानें होती हैं संचालित
जैसलमेर की आर्थिक संरचना पर्यटन पर आधारित है. पर्यटन सीजन के दौरान 4 महीने तक उड़ानें संचालित होती हैं. उस दौरान स्थानीय लोगों की साल भर की कमाई शुरू हो जाती है. लेकिन जैसे ही स्थानीय लोग सीजन से फ्री होते हैं, उड़ानें बंद हो जाती हैं, जिससे उन्हें इसका कोई फायदा नहीं मिल पाता. अगर साल भर उड़ानें संचालित की जाएं तो पर्यटन व्यवसाय बढ़ेगा और स्थानीय लोगों को मेडिकल इमरजेंसी या अन्य कारणों से यात्रा के दौरान समय की बचत होगी.
जैसलमेर में स्पाइसजेट कंपनी ने किया था हवाई संपर्क शुरू
जैसलमेर में एयर कनेक्टिविटी स्पाइसजेट कंपनी ने शुरू की थी, जिसके तहत कंपनी की ओर से समर और विंटर शेड्यूल जारी किए जाते थे. हर साल विंटर सीजन में हवाई सेवाएं संचालित की जाती थीं. लेकिन समर शेड्यूल में सेवाएं बाधित हो जाती थीं.इसे लेकर 2021 में तत्कालीन कलेक्टर की मध्यस्थता के बाद स्पाइसजेट और जैसलमेर विकास समिति के बीच देश का पहला समझौता हुआ था. जिसमें एयरलाइन ने अपनी लागत नहीं वसूल पाने का हवाला दिया था. जिस पर पर्यटन व्यवसायियों ने पहल करते हुए एयरलाइन के घाटे की भरपाई करने का अनुबंध किया था. लेकिन उस साल एयरलाइन को पर्याप्त यात्री मिले, जिससे घाटा नहीं हुआ.
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