
Rajasthan News: ऊर्जा, स्वास्थ्य, शिक्षा, चिकित्सा, पानी, सड़क सहित कई क्षेत्रों में राजस्थान को अग्रणी बनाने के लिए राज्य सरकार ने अभूतपूर्व निर्णय किए हैं. इन निर्णयों का उद्देश्य आमजन को बुनियादी सुविधाओं और सेवाओं का लाभ निर्बाध रूप से सुनिश्चित करते हुए प्रदेश को वर्ष 2030 तक 350 बिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाना है. इसी क्रम में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में सोमवार को आयोजित मंत्रिमंडल की बैठक ने प्रदेश में गैस आधारित अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए राजस्थान सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन (सीजीडी) नीति, 2025 का अनुमोदन किया है.
मील का पत्थर साबित होगी ये नीति
इस नीति से प्रदेशभर में सुविधाजनक, विश्वसनीय, पर्यावरण-अनुकूल और लागत-प्रभावी ईंधन आपूर्ति को गति मिलेगी. उपभोक्ताओं को सुरक्षित गैस आपूर्ति भी सुनिश्चित हो सकेगी. घरेलू उपभोक्ताओं, व्यावसायिक प्रतिष्ठानों और उद्योगों को पाइप्ड प्राकृतिक गैस (पीएनजी) उपलब्ध कराने के साथ ही वाहनों के लिए संपीड़ित प्राकृतिक गैस (सीएनजी) को प्रोत्साहन देने के क्रम में यह नीति मील का पत्थर साबित होगी. वहीं सीएनजी के विस्तार से आमजन की हरित ईंधन तक पहुंच होगी और इससे कार्बन उत्सर्जन घटेगा.
पीएनजी और सीएनजी नेटवर्क विस्तार से बढ़ेगा रोजगार
इस नीति में सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन के क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने के कई महत्वपूर्ण प्रावधान किए गए हैं जिससे पीएनजी एवं सीएनजी नेटवर्क का छोटे शहरों और नगरों में तेजी से विस्तार हो सकेगा. इससे शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे. साथ ही, पाइपलाइन निर्माण से लेकर गैस आपूर्ति तक कई स्तरों पर रोजगार सृजन में वृद्धि होना अपेक्षित है, जिससे गैस आधारित उद्योगों पर निर्भर औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र भी मज़बूत होगा. इस प्रकार यह नीति स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी गति देगी. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जो गैस आधारित अर्थव्यवस्था का संकल्प लिया है उसे साकार करने में यह नीति अहम भूमिका निभाएगी.
राजस्थान के लक्ष्य की प्राप्ति में महत्वपूर्ण कदम
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना से लाखों महिलाओं के जीवन में उल्लेखनीय सुधार आया है. उन्हें धुएं से भरी रसोई से निजात मिली है और उनके स्वास्थ्य में सुधार हुआ है. राजस्थान सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन (सीजीडी) नीति, 2025 भी सीएनजी की आमजन तक सुलभ पहुंच सुनिश्चित करते हुए निरामय राजस्थान के लक्ष्य की प्राप्ति में भी प्रभावी रूप से कार्य करेगी. परिवहन में सीएनजी के व्यापक उपयोग से प्रदूषण के स्तर में उल्लेखनीय कमी आएगी और नागरिकों का स्वास्थ्य बेहतर होगा. साथ ही, नीति के अंतर्गत प्राकृतिक गैस के उपयोग में विस्तार से भी पर्यावरण लक्ष्यों की प्राप्ति हो सकेगी.
सरल प्रक्रिया से कंपनियों को मिलेंगी विभिन्न अनुमतियां
यह नीति ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को भी प्रोत्साहित करती है. इसके अंतर्गत डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियों के लिए अनुमति, भूमि आवंटन एवं अनुमोदन की प्रक्रिया को समयबद्ध एवं सरल बनाया गया है. नीति के क्रियान्वयन के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली राज्य स्तरीय समिति का गठन किया जाएगा. वहीं, राज्य स्तर पर निदेशक, स्वायत्त शासन विभाग, स्थानीय निकायों से संबंधित प्रकरणों हेतु नोडल अधिकारी भी होगें. प्रत्येक जिले में जिला कलक्टर की अध्यक्षता में डिस्ट्रिक्ट सिटी गैस कमेटी (डीसीजीसी) भी गठित होगी. साथ ही, सीजीडी पोर्टल भी विकसित किया जाएगा. यह नीति 31 मार्च 2029 तक अथवा अन्य नीति लागू होने तक प्रभावी रहेगी.
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