
Rajkumar Roat: विश्व आदिवासी दिवस के उपलक्ष्य में रविवार को चित्तौड़गढ़ में आदिवासियों ने रैली निकाली. यह रैली इंदिरा गांधी स्टेडियम से शुरू होकर शहर के ईनाणी सिटी सेंटर में जाकर सभा के रूप में परिवर्तित हुई. इस मौके पर बड़ी संख्या में आदिवासी समुदाय के लोग शामिल हुए और अपने अधिकारों एवं सम्मान की मांग को लेकर नारे लगाए. सभा में वक्ताओं ने कहा कि आदिवासी समाज का संघर्ष जारी रहेगा और सरकार को उनकी समस्याओं का समाधान करना होगा.
भारत आदिवासी पार्टी के सांसद राज कुमार रोत ने कहा कि पूरे देश में 2011 की जनसंख्या गणना के अनुसार 10 करोड़ 47 लाख आदिवासी समुदाय इस देश के अंदर हैं. उन्होंने कहा कि आदिवासियों के संरक्षण के लिए आदिवासी दिवस घोषित किया गया है लेकिन राजस्थान के मुख्यमंत्री ने उन्हें बधाई नहीं दी.
''प्रधानमंत्री ने भी नहीं दी बधाई''
भारत के प्रधानमंत्री हर त्योहार पर बधाई देते हैं, लेकिन उन्होंने भी बधाई नहीं दी. राजस्थान सरकार ने विश्व आदिवासी दिवस मनाने के लिए 50 लाख रुपए का प्रावधान किया है, लेकिन सांसद ने आरोप लगाया कि राजस्थान सरकार ने आदिवासी दिवस के नाम पर 50 लाख का घोटाला किया है.
''भीलों को राजनीतिक प्रतिनिधित्व मिला''
उन्होंने बताया कि चित्तौड़गढ़ जिले में सबसे अधिक भील समुदाय की संख्या है, लेकिन भील समुदाय को न तो प्रशासनिक प्रतिनिधित्व मिला है और न ही उन्हें राजनीतिक प्रतिनिधित्व मिला है. हजारों भीलों ने हल्दी घाटी के युद्ध में अपना बलिदान दिया है, लेकिन इस बलिदान को आज की सरकारें भूलने का काम करती हैं और आदिवासी दिवस पर बधाई देने से भी हिचकिचाती हैं.
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