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कोटा में क्यों घट रहे कोचिंग स्टूडेंट? UDH मंत्री के बयान पर विरोधाभास

कोटा में कुल मिलाकर 5 लाख रूम कोचिंग छात्रों के लिए उपलब्ध हैं. आने वाले 2 साल में कोटा में हॉस्टल इंडस्ट्रीज को बड़ा झटका लग सकता है.

कोटा में क्यों घट रहे कोचिंग स्टूडेंट? UDH मंत्री के बयान पर विरोधाभास
कोटा में क्यों घट रहे कोचिंग स्टूडेंट?

Rajasthan News: एक शहर जो सपने बेचता है IIT का, मेडिकल में करियर बनाने का. इसी सपने को साकार करने देश भर से बच्चे कोटा आते हैं और अपने अभिभावकों की उम्मीद के साथ और कामयाबी की दहलीज तक पहुंचते हैं. जब देश भर से कोचिंग के लिए कोटा आने वाले बच्चों का सपना साकार हुआ तो शहर ने कोचिंग सिटी के रूप में देशभर में अपनी पहचान बना ली, लेकिन बीते सालों में कोटा में कोचिंग छात्रों के बढ़ते सुसाइड से 5 लाख कमरों की कोचिंग स्टूडेंटस के लिए व्यवस्था रखने वाले शहर में अब स्टूडेंट्स की तादाद एक लाख के अंदर सिमट गई.

'नशे का जाल स्टूडेंट की कमी कारण'

स्टूडेंट की तादाद में आई कमी को लेकर कई कारण बताए जा रहे हैं. कोटा दौरे पर आए राजस्थान के यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा तो कुछ अलग ही कारण बता रहे हैं. उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि कोटा में कोचिंग में कमी आने का सबसे बड़ा कारण यहां नशे का जाल फैला हुआ है. उसके कारण बाहर के राज्यों से आने वाले स्टूडेंटस में आत्महत्या की प्रवृत्ति बढ़ी है. कोटा के प्रति दूसरे राज्यों के पेरेंट्स के मन में कुछ संदेह उत्पन्न हुआ और उन्होंने नए कोचिंग हब की तरफ अपने बच्चों को भेजने में ज्यादा रुचि दिखाई. 

साल 2023 से पहले कोटा में NEET और JEE की तैयारी के लिए आने वाले स्टूडेंट्स की संख्या ढाई लाख के करीब थी, लेकिन साल दर साल कोचिंग स्टूडेंट की तादाद में गिरावट दर्ज की गई और सैकड़ों हॉस्टल खाली हो गए.

सरकार के मंत्री का बयान आने के बाद कोटा शहर में अभिभावक संघ व्यापारी और कोचिंग से डायरेक्ट इनडायरेक्ट जुड़े हुए लोगों में विरोधाभास है. वहीं, कोटा में कोचिंग छात्रों के बढ़ते सुसाइड को तानव से जोड़कर देखा जा रहा है. कोटा हॉस्टल एसोसिएशन के अध्यक्ष नवीन मित्तल ने बताया कि कोटा में साल 2022-23 में 214000 स्टूडेंटस कोटा में थे. इसके बाद साल 2023-24 में स्टूडेंटस की संख्या घटकर 1 लाख 74000 रह गई. साल 2024-25 सत्र में कोटा में 122000 स्टूडेंटस प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के लिए आए. संख्या में लगातार गिरावट आती गई और साल 2025-26 में 87000 स्टूडेंटस कोटा में बचे हैं.

हॉस्टल इंडस्ट्रीज को लग सकता बड़ा झटका

मित्तल ने बताया कि हर साल 25 से 30% स्टूडेंटस की संख्या में गिरावट आ रही है. ऐसे में आशंका है कि आने वाले 2 साल में कोटा में हॉस्टल इंडस्ट्रीज को बड़ा झटका लग सकता है. उन्होंने कहा कि कोटा में हॉस्टल संचालकों पर करीब 2000 करोड़ रुपये का कर्ज है. करीब 4000 हॉस्टल कोटा में हैं, इनमें ढाई लाख कमरे हैं. करीब 30 से 40 हजार पीजी और 10000 फ्लैट हैं. कुल मिलाकर कोटा में 5 लाख रूम विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं, लेकिन संख्या में लगातार गिरावट दर्ज होने से अर्थव्यवस्था पर भी बड़ा फर्क पड़ा है. 

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