
Rajasthan News: राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति को मजबूत करते हुए बड़ा कदम उठाया है. उन्होंने राज्य सेवा के अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई, अभियोजन स्वीकृति और धारा 17-ए के तहत लंबित 38 मामलों का निपटारा कर सुशासन की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया है. यह कार्रवाई पारदर्शिता और भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन के उनके संकल्प को दर्शाती है.
दो अधिकारियों को सेवा से हटाया गया
मुख्यमंत्री ने भ्रष्टाचार और लंबी अनधिकृत अनुपस्थिति के दो गंभीर मामलों में कड़ा रुख अपनाया. इन मामलों में शामिल दो सेवारत अधिकारियों को सेवा से हटाने और पदच्युत करने का निर्णय लिया गया है. यह कदम उन अधिकारियों के लिए सख्त संदेश है जो अपने कर्तव्यों से लापरवाही बरतते हैं.
सेवानिवृत्त अधिकारियों की पेंशन पर गाज
पुराने लंबित मामलों को निपटाते हुए 9 सेवानिवृत्त अधिकारियों की पेंशन पूर्ण या आंशिक रूप से रोकने का आदेश दिया गया है. इसके अलावा चार सेवानिवृत्त अधिकारियों के खिलाफ प्रमाणित आरोपों की जांच को मंजूरी दी गई है. भारतीय प्रशासनिक सेवा के एक सेवानिवृत्त अधिकारी की पेंशन रोकने की सिफारिश भी केंद्र सरकार को भेजी गई है.
अभियोजन और जांच को हरी झंडी
मुख्यमंत्री ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 17-ए के तहत पांच मामलों में विस्तृत जांच और अनुसंधान की अनुमति दी है. साथ ही सात अधिकारियों के खिलाफ अभियोजन चलाने की मंजूरी दी गई है. यह कदम भ्रष्टाचार के खिलाफ त्वरित और प्रभावी कार्रवाई को दर्शाता है.
वेतन वृद्धि पर रोक और अन्य कार्रवाई
11 सेवारत अधिकारियों की वार्षिक वेतन वृद्धि को सीसीए नियम-16 के तहत और दो अधिकारियों की वेतन वृद्धि को सीसीए नियम-17 के तहत रोका गया है. दो मामलों में पुनर्विलोकन याचिकाएं खारिज कर दंड को बरकरार रखा गया है, जबकि दो अन्य मामलों में आरोपित अधिकारियों को राहत दी गई है.
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