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Rajasthan: जिला कलेक्टर ने दो शातिर अपराधियों को किया जिला बदर, हरकतों से बाज नहीं आने पर की गई कार्रवाई

पुलिस अधीक्षक सुमित मेहरडा के निर्देशन में अभ्यस्त अपराधियों रामकिशन और टीकम सिंह को जिला धौलपुर से जिला करौली जिले के लिए जिला बदर किया है.

Rajasthan: जिला कलेक्टर ने दो शातिर अपराधियों को किया जिला बदर, हरकतों से बाज नहीं आने पर की गई कार्रवाई

Rajasthan News: राजस्थान में दो शातिर अपराधियों को जिला बदर किया गया है. धौलपुर में दो अभ्यस्त अपराधियों को 15 दिनों के लिए जिला बदर किया गया है. पुलिस ने इस दो अपराधियों के खिलाफ शिकायत की थी, जिस पर जिला कलेक्टर ने जिला बदर करने की कार्रवाई की है. पुलिस अधीक्षक सुमित मेहरडा के निर्देशन में अभ्यस्त अपराधियों रामकिशन और टीकम सिंह को जिला धौलपुर से जिला करौली जिले के लिए जिला बदर किया है.

एसपी ने बताया समाज में लोक शान्ति व्यवस्था बनाये रखने तथा आपराधिक गतिविधियों पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए जिला कलेक्टर धौलपुर द्वारा राजस्थान गुंडा नियंत्रण अधिनियम 1975 की धारा 3 के तहत जिला धौलपुर के दो अभ्यस्त अपराधियों टीकम सिंह और रामकिशन को 6 मार्च 2025 से 20 मार्च 2025 तक 15-15 दिनों के लिए जिला धौलपुर से जिला करौली जिला बदर किया है.

15 दिन तक जिले में दिखाई दिये तो होगी कार्रवाई 

पुलिस अधीक्षक ने बताया कि धौलपुर पुलिस अपराधियों पर लगातार नकेल कस रही है. इस क्रम में पुलिस ने दो शातिर अपराधियों को जिला बदर कराया है. जिला मजिस्ट्रेट धौलपुर के निर्देश पर पुलिस ने दो अपराधियों पर 15 दिवस के लिए जिला बदर की कार्रवाई की है. पुलिस ने अपराधियों को हिदायत देते हुए कहा कि वे 15 दिनों तक जिले के अंदर दिखाई न दें, वरना उनके विरूद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी. दोनों ही अभ्यस्त अपराधी है, दोनों ही अव्वल दर्जे की आदतन सट्टा जुआ खेलने के आदी हैं. जो रुपयों पैसों का दाव लगाकर सार्वजनिक स्थान पर जुआ सट्टेबाजी करते हुए कई बार पकड़े गए हैं. 

खुद को घोषित किया सट्टा किंग

दोनों को बार-बार जुआ खेलते हुए गिरफ्तार किया जाकर जिनके विरुद्ध न्यायालय में चालान पेश किए गए हैं एवं न्यायालय द्वारा दोषी करार अर्थ दंड से दंडित करने के बावजूद भी वह अपनी हरकतों व आपराधिक गतिविधियों पर अंकुश नहीं लग रहे हैं. बल्कि बिना किसी कानून के भय के लगातार इसी अपराध को आदतन रूप से करते चले आ रहे हैं. जिससे एक और जहां वह स्वयं को इलाका का सट्टा किंग घोषित कर आम जनता में भय का माहौल उत्पन्न कर रहे हैं. ऐसे अपराधियों का खुले रूप में घूमना आम जनता के जान माल की सुरक्षा के लिए असुरक्षित रहता है.

क्या होता है जिला बदर

जिला बदर का आशय है कि किसी आपराधिक गतिविधि में शामिल व्यक्ति को कुछ समय के लिए उसके निवास स्थान वाले जिले से बाहर कर दिया जाना. जिला बदर की कार्रवाई का उद्देश्य कानून व्यवस्था को प्रभावित करने वाले लोगों को रोकना होता है. इस दौरान, अपराधी को जिले और उसके आस-पास के जिलों की सीमाओं से बाहर रहना होता है. जिला बदर का उल्लंघन करने पर राज्य सुरक्षा अधिनियम के तहत दो साल तक की जेल हो सकती है.

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